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राजस्थान के स्कूलों में अब नहीं पढ़ाया जाएगा महाराणा प्रताप ‘महान’, अकबर से जीत-हार पर चुप्पी




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हल्दीघाटी के युद्ध का विजेता राजस्थान में पिछली बीजेपी सरकार ने  पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप को घोषित किया था. अब तक छात्रों को यही पढ़ाया जा रहा था, लेकिन सत्ता बदलने के बाद अब कांग्रेस ने युद्ध के परिणाम में संशोधन कर दिया. अब हल्दीघाटी युद्ध के विजेता नए पाठ्य़क्रम में महाराणा प्रताप नहीं. हालांकि प्रताप की जगह अकबर को विजेता घोषित नहीं किया। 12वीं कक्षा की इतिहास की पुस्तक में हल्दीघाटी के युद्ध के बारे में विस्तार से लिखा. लेकिन युद्ध के परिणाम पर पाठ खामोश. न प्रताप को विजेता बताया न अकबर को. इस पाठ में अकबर और महाराणा प्रताप में से किसी एक को महान नहीं बताया.

इससे पहले पांच महीने सत्ता बदलते ही कांग्रेस सरकार ने कहा था कि वे हल्दीघाटी युद्ध के असली विजेता और प्रताप और अकबर में से महान कौन थे इसका फैसला कर देंगे. संशोधित पाठ्यक्रम पर राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि हल्दीघाटी के युद्ध का विजेता कौन रहा ये पढ़ाना जरुरी नहीं. न ही प्रताप और अकबर में से महान कौन है ये पढ़ाना जरूरी है.

डोटासरा ने कहा कि संशोधित पाठ्यक्रम में प्रताप के संघर्ष को बताया गया, जिससे छात्र प्रेरणा ले सकें. डोटासरा ने कहा कि इस पाठ में ये बताने की भी कोशिश की कि ये हिंदू-मुस्लिम के बीच की जंग नहीं थी. दोनों के मुस्लिम सेनापति के जरिए इसे समझाया गया. डोटासरा ने कहा कि उनकी सरकार महाराणा प्रताप पर बीजेपी की ओर से पाठ्यक्रम में की जा रही सियासत से दूर रहना चाहती थी.

हल्दीघाटी के युद्ध का विजेता कौन रहा ये पढ़ाना जरुरी नहीं. न ही प्रताप और अकबर में से महान कौन है ये पढ़ाना जरूरी है.

— गोविंद सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री, राजस्थान