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काँकेर जिले के पखांजुर को छत्तीसगढ़ पेयजल अधिनियम 1986 की धारा 3 के तहत पखांजुर को भी जलाभाव तहसील घोषित किया गया




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काँकेर जिले में जहां बोर खनन पर प्रतिबंध है इसके लिए काँकेर कलेक्टर जिला दंड अधिकारी के एल चौहान द्वारा छत्तीसगढ़ पेयजल अधिनियम 1986 की धारा 3 के तहत पखांजुर को भी जलाभाव तहसील घोषित किया गया है । वही विपरीत परलकोट अंचल में कलेक्टर आदेश की अवमानना कर बोर गाड़ी मालिको द्वारा अवैध बोर खनन का काम धड़ल्ले से जारी है । बोर खनन के फर्जी कारोबार का धंधा खूब फल फूल रहा है। अंचल में कई गाड़िया बिना परमिट के रात के अंधेरे में बोर खनन का काम कर रही है । सरकारी नियमो को दरकिनार कर पखांजुर तहसील अंतर्गत ग्रामो में बेख़ौफ़ खनन करवाया जा रहा । सूत्रों की माने तो इस भुजल संकट विषय पर प्रशासनिक अमला मानो बेसुध होकर बैठा है । बताते चले की परलकोट पखांजुर में बोरखनन करने की 10 से 12 गाड़िया सक्रिय रूप से गांव में घुम रही है। जिन पर स्थानीय प्रशासन की कृपादृष्टि बरकरार है जिसके वजह से बोर गाड़ी मालिक कलेक्टर के आदेश को धता बताने पीछे नही है। परलकोट की Iकुल 150 से भी अधिक गांव में बोर मालिको द्वारा किसानों को अवैध तरीके से बोर खनन कारवाने बाध्य कर रहे है। इस खेल में बाहरी राज्य से बोर खनन मशीनों को किराए पर मंगवाकर स्थानीय कुछ लोग इस अवैध कारोबार को बढ़ावा दे रहे है। जीएसटी टेक्स बिल की चोरी कर सरकारी खजाने को चपत लगाने में भी पीछे नही हैं । आखिर भुजल स्तर में आई गिरावट संकट का जिम्मेदार आखिर कौन है।

22 मई को कापसी में अवैध बोर खनन होने की मामले पर इसकी शिकायत करने एक युवक ने एसडीएम को फोन पर जानकारी देनी चाही पर एसडीएम ने फोन रिसीव नही किया उसके बाद युवक ने एसडीओपी पुलिस ,व पुलिस थाने में इसकी शिकायत की परन्तु कोई कार्यवाही नही हुई ।

बांदे अवैध बोर खनन पर ,तहसीलदार ने कि कार्रवाही ।

पखांजुर तहसीलदार मिश्रा को फोन पर बांदे पर अवैध बोर खनन की शिकायत मिली थी जिस पर तहसीलदार ने दास बोरवेल पखांजुर की गाड़ी को जब्त किया ।

तहसीलदार ने बतलाया की बोर खनन के लिए विशेष परिस्थिति में परमिशन देने का अधिकार कलेक्टर साहब ने अनुवुभागिय दंड अधिकारी राजस्व पखांजुर को दिया है। मुझे सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाही करता हु।

तहसीलदार बोर गाड़ी मालिको की लेंगे बैठक-

पखांजुर तहसीलदार शशि शेखर मिश्रा ने बतलाया कि अगर बोर खनन गाड़ी मालिको को कलेक्टर के लिखित आदेश के प्रति स्वीकार्य नही है बार- बार आदेश की तौहीन कर रहे है तो कठोरता से पेयजल अधिनियम 1986 के उलंघन पर कार्रवाही की जायेगी ,प्रावधान की दृष्टि से दंड शुल्क 2000 रु के साथ 2 वर्ष कारवास दंड का भी प्रावधान है । अगर बोर गाड़ी मालिको को कानून का डर नही है तो कढ़ाई से कार्रवाही की जाएगी । इसके लिए बोर गाड़ी मालिको को बैठक में बुलाकर चेतावनी दी जाएगी ।