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इस राज्य में जाने के लिए लेना पड़ता है वीजा, कारण जानकर रह जाएंगे दंग…




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आमतौर पर लोगों को विदेश जाने के लिए वीजा की जरूरत पड़ती है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में ही कुछ राज्य ऐसे हैं, जहां जाने के लिए देश के ही लोगों को ‘वीजा’ लेना पड़ता है। यहां बिना वहां की राज्य सरकार की अनुमति के आप राज्य की सीमा में प्रवेश नहीं कर सकते।

देश के उत्तरपूर्व में बसे तीन खूबसूरत राज्य मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड में ये नियम लागू हैं। इन राज्यों में ‘इनर लाइन परमिट’ लिए बगैर कोई भी भारतीय नागरिक राज्य की सीमा में घुस भी नहीं सकता। केवल स्थानीय निवासियों को ही राज्य में कहीं भी बेरोकटोक घूमने की छूट है।

दरअसल, इनर लाइन परमिट एक प्रकार का आंतरिक वीजा है। यह ठीक वैसे ही है, जैसे कि बतौर विदेशी नागरिक हम किसी और देश में जाने के लिए वीजा लेते हैं। इनर लाइन परमिट नौकरी और पर्यटन दोनों के लिए लेना होता है।

भारत में ही भारतीय नागरिकों के लिए बने इनर लाइन परमिट के इस नियम को ब्रिटिश सरकार ने बनाया था, जो अब तक लागू है। हालांकि समय-समय पर इसमें सुधार किया जाता रहा है। बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर विनियम, 1873 के तहत यह नियम एक सीमित अवधि के लिए किसी संरक्षित या प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति देता है।

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ब्रिटिश सरकार ने इनर लाइन परमिट का ये नियम अपने व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए बनाया था। वहीं कुछ लोग मानते हैं कि इस नियम को सीमावर्ती राज्यों की जनजाति और उनकी संस्कृति आदि की रक्षा के लिए बनाया गया था, ताकि बाहरी लोग इन जगहों पर आकर उनकी संस्कृति को प्रभावित न कर सकें। इनर लाइन परमिट उन राज्यों की सीमा पर बनाए जाते हैं, जहां आपको जाना हो।

इसके अलावा दिल्ली, कोलकाता और गुवाहाटी में भी इनके दफ्तर मौजूद हैं, जहां से आप इनर लाइन परमिट बनवा सकते हैं। दिल्ली में मिजोरम हाउस, नगालैंड हाउस और अरुणाचल प्रदेश में ये खास परमिट बनाए जाते हैं। इनर लाइन परमिट दो तरह के होते हैं। अगर आप इन राज्यों में सिर्फ घूमने के लिए जा रहे हैं तो एक बार में आपको अधिकतम 15 दिन का ही इनर लाइन परमिट मिलेगा और अगर इससे ज्यादा दिन आप राज्य में रहना चाहते हैं तो परमिट को अगले 15 दिनों के लिए रिन्यू करवा सकते हैं।

वहीं नौकरी या रोजगार के लिए अलग परमिट बनाया जाता है। अगर विदेशी नागरिक इन राज्यों में घूमना चाहते हैं तो उनके लिए इनर लाइन परमिट की जरूरत नहीं होती, बल्कि उनके लिए ‘प्रोटेक्टेड एरिया परमिट’ का नियम है।