Home जानिए रोचक : चीखते-चिल्लाते रहते हैं चमगादड़; खाने से सोने तक, हर बात...

रोचक : चीखते-चिल्लाते रहते हैं चमगादड़; खाने से सोने तक, हर बात पर होती है लंबी बहस




IMG-20240704-WA0019
IMG-20220701-WA0004
WhatsApp-Image-2022-08-01-at-12.15.40-PM
1658178730682
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.50-PM
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.48-PM

आमतौर पर चमगादड़ों के बारे में लोगों को इतना ही पता है कि वो अंधेरे में शिकार करने के लिए ध्वनि तरंगो का इस्तेमाल करता है.

दरअसल चमगादड़ मुंह से ध्वनि निकालता है और वो ध्वनि किरणों की आवाज़ जब उसके कानों तक पहुंचती है तो उसी से अंदाज़ा लगता है कि शिकार कहां है. लेकिन चमगादड़ को लेकर कुछ और भी रोचक जानकारी सामने आई है.

नई रिसर्च के मुताबिक चमगादड़ों के बीच हर बात को लेकर बहस होती है. वो ज़्यादातर समय चींखते चिल्लाते हैं. कम शब्दों में कहें तो झगड़ालू प्रवृति के होते हैं.

60 प्रतिशत बातचीत को ट्रांसलेट करने के बाद इनकी बोली को चार श्रेणियों में बांटा गया है. पहली श्रेणी में चमगादड़ों को भोजन के लिए लड़ते देखा गया है. वहीं दूसरी श्रेणी में सोने की जगह को लेकर चमगादड़ों को काफी हंगामा करते हुए देखा गया है.

तीसरी श्रेणी में मेल चमगादड़ों के बीच सेक्स पार्टनर को लेकर चिल्लाते हुए देखा गया है. वहीं चौथे और आख़िरी श्रेणी में साथ बैठने को लेकर भी चमगादड़ों को झगड़ते हुए देखा गया है.

इसके अलावा एक अन्य पक्ष भी देखा गया है. अपरिचित पक्षियों के साथ बातचीत के दौरान चमगादड़ की टोन बदल जाती है. यानी जानने वाले पक्षियों और अनजान पक्षियों के बीच के बातचीत का फर्क आसानी से दिख जाता है.

इस तरह की टेंडेंसी इंसानों के अलावा सिर्फ डॉलफिन में ही देखा गया है. यह रिसर्च जरनल साइंटिफिक रिपोर्ट में सामने आया है.

हालांकि रिपोर्ट में यह बात सामने नहीं आई है कि चमगादड़ों को यह भाषा जन्म से ही आती है या फिर समूह के बीच रहकर सीखते हैं.