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जुमे की नमाज से पहले शहरकाजी ने बयां किया दर्द, एनआरसी व सीएए को लेकर कही ये बात…




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एनआरसी और सीएए को लेकर देश के अलग अलग शहरों में हुए विरोध पर शहरकाजी जैनुस साजिद्दीन ने तकरीर पेश की। शुक्रवार को कोतवाली स्थित शाही जामा मस्जिद में जुमे की नमाज से पहले उन्होंने मेरठ में हुई हिंसा का दर्द बयां किया। कहा कि एनआरसी और सीएए को मुस्लिमों का मुद्दा बनाया गया, जबकि बिहार, आसाम, जेएनयू, एएमयू, बीएचयू, जामिया सहित मुंबई में आईआईटी छात्रों ने भी इसका विरोध किया। इसमें बड़ी संख्या में हिंदू भी शामिल रहे। किसने इस मामले को धर्म विशेष का रंग दिया, इसकी जांच होनी चाहिये। शहरकाजी ने कहा कि 20 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद पुलिस व आम लोगों का आमना सामना हो गया। इसमें कानूनी तौर पर पब्लिक पर पानी की बौछार, रबर की गोलियां या कोई अन्य कार्रवाई होनी चाहिये थी। लेकिन ऐसी क्या नौबत आई कि पुलिस ने लोगों पर फायरिंग कर दी। घटना में पांच लोगों को मौत हो गई। इस घटना को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है, लेकिन लोगों को सब्र से काम लेना होगा।

मामले में उच्चाधिकारियों से मुस्लिम पक्ष से पांच लोगों की कमेटी बनाने की बात हुई है। इसके तहत पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी से पहले उसका जुर्म और सुबूत कमेटी के सदस्यों को देगी। कमेटी में डॉक्टर, वकील और कानूनी सलाहकार शामिल रहेंगे। पुलिस बेकसूर लोगों का उत्पीड़न नहीं कर सकेगी। उन्होंने इस्लाम को अमन व एकता का पैगाम देने वाला धर्म बताते हुए लोगों से सही राह पर चलने की अपील की। कहा कि शहर में लाखों परिवारों से एनआरसी और सीएए मामले में दस्तखत करवाकर राष्ट्रपति व सीजेआई को सौंपेंगे।

पाकिस्तान चले जाओ वाली वीडियो वायरल
शहरकाजी ने पुलिस के आला अधिकारी द्वारा उपद्रवियों के पाकिस्तान चले जाने वाली वीडियो के बारे में अफसोस जाहिर किया। उन्होंने कहा कि अधिकारी ही जब पब्लिक को भड़काने का काम करेंगे तो आम जनता से क्या उम्मीद करेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि विपक्ष पर आरोप लगाने से पहले सरकार को एनआरसी व सीएए पर लोगों की राय मालूम करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि देश को संवारने और बनाने में मुस्लिम बराबर का हकदार है।

पोस्टमार्टम की रिपोर्ट सार्वजनिक करें
शहरकाजी ने 20 दिसंबर को मारे गये पांच लोगों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि न्यूज पेपर और अन्य सूचना माध्यम से पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो, कि गोली किसकी है।