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सऊदी अरब से हाथ मिलाकर चीन को मात देगा अमेरिका, जानें बाइडेन की पूरी स्ट्रैटेजी




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राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडेन ने सऊदी अरब को कोई तवज्जो नहीं दी। सऊदी अरब क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से डेढ़ साल तक फोन पर बात तक नहीं की। अब बाइडेन खुद सऊदी जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि गल्फ देशों को लेकर अमेरिका नई स्ट्रैटेजी बना रहा है।

अगले महीने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन सऊदी अरब के दौरे पर जाएंगे। किस दिन जाएंगे अभी इसका ऐलान नहीं हुआ है। व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा है- ”बाइडेन अमेरिकी हितों की वजह से सऊदी अरब जा रहे हैं। हम जल्द ही तारीख का ऐलान करेंगे। राष्ट्रपति इजराइल भी जाएंगे। हमें उम्मीद है कि इस विजिट के जरिए सऊदी और अमेरिका के रिश्ते पहले से ज्यादा मजबूत हो सकेंगे। सऊदी हमारा 80 साल से स्ट्रैटेजिक पार्टनर है।”

दोनों देशों के बीच तल्खियां कम होंगी 

बाइडेन ने राष्ट्रपति बनने के बाद प्रिंस सलमान से ही नहीं, बल्कि सऊदी अरब से भी दूरियां बनाकर रखीं। इसकी वजह यह थी कि 2018 में वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार ‘जमाल खशोग्जी’ का कत्ल तुर्की की राजधानी इस्तांबुल के सऊदी दूतावास में हुआ था। बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी ने कई बार कहा कि प्रिंस सलमान का इस कत्ल में हाथ है। क्योंकि वो जमाल के सऊदी विरोधी रवैये से नाराज़ थे। अब जबकि बाइडेन सऊदी अरब जा रहे हैं तो जाहिर है दोनों देशों के बीच तल्खियां कम होंगी।  

बाइडन सऊदी अरब के बाद इजराइल भी जाएंगे। यूएई समेत 5 खाड़ी देश इजराइल से डिप्लोमैटिक रिलेशन शूरू कर चुके हैं। अब सऊदी भी तेजी से इजराइल के करीब आ रहा है। माना जा रहा है कि बाइडेन की विजिट के दौरान इजराइल और सऊदी के बीच डिप्लोमैटिक रिलेशन शूरू करने पर बड़ा फैसला हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो सऊदी में इजराइल की मौजदूगी ईरान को रोकने में बहुत मददगार साबित हो सकती है। वहीं चीन गल्फ में जड़ें जमाने की कोशिश कर रहा है। इसलिए अमेरिका उसकी काट खोजने के लिए नई स्ट्रैटेजी बना रहा है।