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MP : अजय गुप्ता हत्याकांड: तुम ही हो हेमंत गुप्ता, गवाही वापस लेकर कर लो राजीनामा




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ग्वालियर। कारोबारी अजय गुप्ता हत्याकांड में गवाहों को धमकाने के लिए आए पांच बदमाशों को मृतक कारोबारी के भाई व परिजन ने कोर्ट परिसर से पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। वे धमकाने आए बदमाशों को पीटते हुए इंदरगंज थाने तक ले गए। युवकों की जेब से अलग-अलग चार कागज भी मिले हैं। जिनमें इस मामले से जुड़े गवाहों व मृतक के परिवार के सदस्यों के नाम व मोबाइल नंबर लिखे हुए हैं। पकड़े गए सभी आरोपी वृंदावन मथुरा के बताए गए हैं और वे हत्याकांड के आरोपी आकाश शर्मा से बुधवार सुबह ही जेल में मिलकर आए थे, वहीं से उन्हें यह नंबर मिले थे। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में पकड़े गए पांचों आरोपियों के खिलाफ राजीनामा के लिए धमकाने, रास्ता रोककर गाली-गलौज करने का मामला दर्ज कर लिया है।

यह है मामला

होटल कारोबारी व मध्य प्रदेश चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंस्ट्रीज के पूर्व पदाधिकारी हेमंत गुप्ता के छोटे भाई मुन्ना उर्फ अजय गुप्ता (कोल्ड स्टोरेज कारोबारी) को बदमाशों ने 24 सितंबर 2018 को उनके कोल्ड स्टोरेज में घुसकर गोली मारकर 50 लाख रुपए कैश लूट की वारदात को अंजाम दिया था। गोली लगने से कारोबारी की हालत बेहद नाजुक थी। 17 दिन इलाज के बाद 10 अक्टूबर की रात उन्होंने दिल्ली में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। इस हत्याकांड में पुलिस ने आलू कारोबारी रामवीर सिंह कुशवाह (मुख्य साजिशकर्ता), देवेन्द्र ठाकुर, आकाश शर्मा, राधे सिंह सहित 6 लोगों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया था। कारोबार में घाटे के चलते रामवीर ने यह साजिश मास्टर माइंड मुकेश ठाकुर (शॉर्प शूटर) के साथ मिलकर बनाई थी।

कारोबारी को कोर्ट में घुसते ही धमकाया, पीटते हुए थाने लाए

27 मार्च को जिला एवं सत्र न्यायालय इंदरगंज में मामले की सुनवाई थी। जिसमें मृतक अजय गुप्ता के भाई कारोबारी हेमंत गुप्ता गवाही के लिए कोर्ट जा रहे थे। रास्ते में एक युवक ने उनको रोककर पूछा तुम ही हेमंत गुप्ता हो, उनके हां कहते ही आसपास चार और लोग आकर खड़े हो गए। वे बोले- अपनी गवाही वापस लेकर मामले में राजीनामा कर लो। इस पर उनकी बहस और हाथापाई हो गई और उन्होंने एक युवक को पकड़ लिया। जबकि अन्य लोग बाहर की तरफ भागे। इस पर कारोबारी ने अपने परिवार के सदस्यों को बताया जो आसपास ही थे। सभी ने मिलकर अन्य भागे चारों युवकों को पब्लिक की मदद से पकड़ लिया। धमकाने की घटना से आक्रोशित पब्लिक आरोपियों को पीटते हुए इंदरगंज थाने ले गई।

जेब से मिले कागज, सुबह मिलकर लौटे थे

पकड़े गए आरोपियों की पहचान यूपी मथुरा वृंदावन के चोमोआ गांव निवासी पूरन पुत्र हरीराम, उसके बेटे गोपाल, गौरव, अन्य दो देवेन्द्र पुत्र जासकी सिंह, देवा पुत्र विजय सिंह के रूप में हुई है। इनकी जेब की तलाशी लेने पर चार पत्र मिले हैं। दो कागज में मृतक कारोबारी के परिजन, गवाह व मामले से जुड़े पुलिस वालों तक के नाम व नंबर लिखे हैं। इसके अलावा एक अन्य कागज में वकील व कुछ लोगों के नंबर मिले हैं। जबकि एक कागज में आकाश शर्मा अपने चाचा को संबोधित कर कुछ काम करने के लिए कह रहा है। बुधवार सुबह यह लोग जेल में आकाश व अन्य आरोपियों से मिलकर पेशी के दौरान कोर्ट पहुंचे थे।

यह लिखा है पत्र में

चाचा राधे-राधे। पुलिस चालान में देखना मेरा क्या रोल है। पुलिस बयान में जो गोली उसको मारी गई है वह मेरे ऊपर दर्शा दी गई है जो सफेद शर्ट पहने है। जबकि वीडियो में मुकेश ने सफेद शर्ट पहनी है। मेमोरेंडरम कहता है कि पहले गिरफ्तारी फिर जब्ती और बयान होता है। लेकिन पुलिस उल्टा कर रही है पहले बयान, फिर जब्ती और आखिर में गिरफ्तारी की है। वीडियो में मेरा चेहरा भी क्लियर नहीं है। यह सब वकील को बता देना। अगर तुम वकील कर लो और अच्छा करना। महीने में दो बार मिलने आया करो। मोनू और सलमान को साथ लेकर आना काम की बात करनी है। इस काम के बाद टेंशन खत्म हो जाएगी।