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छत्तीसगढ़ : नाराजगी के बावजूद लोकसभा चुनाव में क्या फिर चल पाएगा ‘सरगुजिहा सरकार’ का जादू?




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छत्तीसगढ़ में मिले प्रचंड बहुमत के बलबूते कांग्रेस ने दमखम के साथ सरकार तो बना ली. लेकिन सरगुजा के लोगों ने 14 की 14 सीट जीताकर सरगुजिहा सरकार के हीरो रहे अम्बिकापुर विधायक टीएस सिंहदेव के मुख्यमंत्री बनने का सपना देखा था. लेकिन कांग्रेस के अंदरूनी दांव पेंच के काऱण टीएस बाबा मुख्यमंत्री नहीं बन पाए. उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बना कर खुश करने की कोशिश हुई. शायद यही वजह है कि अब लोकसभा चुनाव में विपक्ष के प्रचारक जब-जब सरगुजा आ रहे हैं तब-तब टीएस बाबा की दुखती नस को छूकर पुराने जख्मों को उकेर रहे हैं.

ऐसा ही एक वाक्या बीते गुरुवार को देखना मिला जब पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह अपने सासंद प्रत्याशी रेणुका सिंह के पक्ष में चुनावी फिजा बनाने सरगुजा आए थे. दरअसल, प्रचार के दौरान पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने कहा कि आप लोग का राजा बेचारा बंद गला का नया चार पांच कोट सिलवाया था. तो काहे सिलाया था. तो पता चला कि मुख्यमंत्री की शपथ लेना है. पूरा सरगुजा के गांव- गांव में बच्चा बोल रहा था मुख्यमंत्री आने वाला है. लेकिन मुख्यमंत्री सरगुजा ही आना छोड़ दिया.

डॉ. रमन सिंह ही एक इकलौते शख्स नहीं है जिन्होंने टीएस बाबा के सीएम ना बन पाने पर अपने ढंग से चुटकियां ली हैं. इससे पहले 12 मार्च को अम्बिकापुर में अपने कार्यकर्ताओं की बैठक लेने पहुंचे जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नेता अमित जोगी ने भी इस बात का राजनीतिक तौर पर मजाक बनाया था.अमित जोगी ने कहा था कि कांग्रेस ने सरगुजा की जतना के साथ छलावा करके सरगुजा की 14 सीटें जीती हैं. क्योंकि उन्होंने टेलर दिखाया गया कि ये पिक्चर जो आने वाली है, उसमें अमिताभ बच्चन होंगे. लेकिन जब पिक्चर आई तो उसमें अमरीश पुरी निकले. मतलब अमित जोगी के मुताबिक, टीएस बाबा को मुख्यमंत्री बता कर भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बना दिया गया.

ऐसा नहीं है भाजपा नेताओं के साथ जनता कांग्रेस के नेता बेवजह ही इस बात का प्रचार कर रहे हैं कि टीएस बाबा के साथ गलत हुआ. असल में टीएस सिंहदेव की व्यक्तिगत पृष्टभूमि और मुलायम स्वाभाव के काऱण उन्होंने सरगुजा के साथ पड़ोसी संभाग में भी अपना जलवा बिखेरा और कांग्रेस की बड़ी जीत के नायक रहे. इस जीत के बाद जब कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया था. तो उनका दर्द उन्हीं की जुबान छलका भी था. वो दर्द शायद आज भी है. टीएस सिंहदेव ने मीडिया से करते हुए कहा भी था कि क्षेत्र की जनता उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती थी. और हो सकता है भविष्य में उनकी पवित्र भावना उनकी मंशा पूरी कर दे.

ये बात किसी से छुपी नहीं है कि कांग्रेस के प्रत्याशी और नेताओं ने टीएस बाबा के मुख्यमंत्री बनने की बात को लेकर मतदाताओं से कांग्रेस को वोट करने की अपील भी की थी. लोगों ने भी अपने क्षेत्र के मुख्यमंत्री बनने से विकास के कई सपने देख लिए थे. लेकिन विधानसभा की इस घटना को ज्यादा वक्त गुजरा नहीं है. ऐसे में आम मतदाताओं के साथ वोटरों का वो तबका जो व्यक्ति देखकर वोट करता है, वो कांग्रेस के लिए घातक साबित हो सकता है.