Home छत्तीसगढ़ रायपुर-धमतरी फोरलेन कंपनी भागी, एनएच नहीं कर पाया 120 करोड़ की रिकवरी

रायपुर-धमतरी फोरलेन कंपनी भागी, एनएच नहीं कर पाया 120 करोड़ की रिकवरी




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एनएच के अफसरों और कार्यदायी कंपनी की मनमानी के चलते रायपुर-धमतरी फोरलेन निर्माण कार्य पिछले आठ महीने से ठप है। जबकि दिवालिया हो चुकी कंपनी को एनएच ने 120 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। इसकी रिकवरी करने के प्रावधान से खुद को बचाने के लिए कागजों पर ही 30 फीसदी निर्माण कार्य पूरा किए जाने की रिपोर्ट भी दे दी। हकीकत में 10 फीसद भी काम नहीं हुआ है। सिर्फ कहीं-कहीं यानी 200 से 300 मीटर तक एक किनारे पर कांक्रीटीकरण का निर्माण कार्य हुआ है। इसकी भी गुणवत्ता में भारी अनियमितता बरती गई है। इस खामी को पूरा करने के लिए कांक्रीटीकरण कराने तीन टेंडर निकाले जाने की तैयारी की थी। लेकिन एनएच मुख्यालय ने इसकी अनुमति नहीं दी। इसके लिए पूर्व में हुए टेंडर की शर्तों के मुताबिक दिवालिया कंपनी को साझेदार तलाशने की अनुमति दी गई। लेकिन दिवालिया कंपनी की साझेदार कंपनी ने सभी समझौते कर लिए जब इसके इंजीनियरों की टीम ने अभी तक हुए कामों की जांच करने पहुंची तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। लिहजा अनुबंध का करार भी टूट गया। इसके बाद एनएच ने एक बार भी कंपनी के टेंडर को रद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद ही नया टेंडर जारी किया जाएगा। इधर, कंपनी अपने सभी संसाधनों को हैदराबाद शिफ्ट कर चुकी है।

–निर्माण के लिए मिली खदान की गिट्टी बाजार में

दिवालिया कंपनी को फोरलेन निर्माण के लिए आवंटित खदान से करीब डेढ़ करोड़ टन पत्थर निकाला गया। इसे गिट्टी में तब्दील करने के लिए केंद्री गांव में क्रशर प्लांट भी स्थापित किया गया था। यहां भारी मात्रा में सड़क निर्माण के लिए निकलने वाली गिट्टी को बाजार में बेचने का भी धंधा खूब चला।

–एनएच के अधिकारी की खूली छूट

एनएच के अधिकारियों ने भी मिलीभगत कर निर्माण कंपनी को मनमाने तरीके से काम करने की खुली छूट दे रखी थी। नतीजा, भारी मात्रा में खनन के बावजूद सड़क निर्माण तो दूर कांक्रीटीकरण भी नहीं हो सका।

–स्थानीय व्यापारियों के भुगतान तो दूर मजदूरों के पैसे नहीं दिए पैसे

कंपनी ने स्थानीय व्यापारियों से ली गई सामग्री के 12 करोड़ से अधिक का भुगातन भी नहीं कर पाई। इसके प्लांट में मौजूद करीब 800 कर्मचारियों की मजदूरी नहीं दी। इसकी शिकायत भी राखी थाने में हुई थी।

–शिकायत पर मजदूरों को एनएच ने लौटाया

शिकायत के बावजूद मजदूरों को एनएच ने उल्टे पांव लौटा दिया। उनके अफसरों की दलील थी कि हम सिर्फ निर्माण कार्य कराने के लिए हैं। मजदूरी कंपनी को देनी है। इसकी शिकायत प्रशासन से करें। मजदूरों की मजदूरी आज तक नहीं मिली।

अब फिर से टेंडर निकाला जाएगा। जो फंड रिलीज किया गया था, उसे इंजीनियरों की रिपोर्ट पर ही दिया गया था। -बीएल मीणा, क्षेत्रीय अधिकारी एनएच