Home समाचार पीएम मोदी में हिम्मत नहीं है प्रेस कांफ्रेंस करने की: राहुल गांधी

पीएम मोदी में हिम्मत नहीं है प्रेस कांफ्रेंस करने की: राहुल गांधी




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कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली के प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दावा किया है कि ये चुनाव बीजेपी हार रही है.

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को कांग्रेस पार्टी ने ध्वस्त कर दिया है. अब जो मोदी खड़ा है वो एक खोखला ढांचा है जो दस पंद्रह दिनों में ढह जाएगा.पत्रकार भी मेरे कान में आकर कहते हैं कि चौकीदार ही चोर है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूरे पांच साल के कार्यकाल में एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस ना करने पर तंज कसते हुए राहुल गांधी ने पत्रकारों से कहा कि ” मोदी जी में भारतीय मीडिया के सामने खड़े होने की हिम्मत ही नहीं है. आप प्रधानमंत्री से भी कहें कि हो सके तो ऐसी कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लें. भारतीय प्रधानमंत्री में अंतरराष्ट्रीय मीडिया तो क्या भारतीय मीडिया के सामने खड़े होने होने की हिम्मत नहीं है. उनसे कहिए प्रेस से वार्ता करें, उनकी अंतराष्ट्रीय स्तर पर बहुत बेइज़्ज़ती हो रही है.”

मौजूदा आम चुनाव के चार चरण हो चुके हैं, जबकि तीन चरण बाकी हैं.

राहुल गांधी ने अपने प्रेस कांफ्रेंस में संवाददाताओं के कई सवालों के जवाब दिए. उनके दिए गए जवाब की अहम बातें निम्न हैं-

चुनाव आधे से ज़्यादा ख़त्म हो गया है और ये स्पष्ट फीलिंग है कि नरेंद्र मोदी जी हार रहे हैं. हमारा अपना आकलन और जो मतदान हो रहा है वो बता रहा है कि भाजपा चुनाव हार रही है.

इस चुनाव के दौरान मुख्य मुद्दे रोजगार, किसान, प्रधानमंत्री का भ्रष्टाचार और संस्थानों पर आक्रामण उभर कर सामने आए हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोज़गार के बारे में एक भी शब्द नहीं बोल रहे हैं क्योंकि वो बोल ही नहीं सकते हैं. यही हाल किसानों का है. वो किसानों पर भी कुछ बोलने लायक नहीं है.

नरेंद्र मोदी का पूरा सिस्टम ध्यान भटकाने का है. जैसे ही उन्हें लगता है कि वो जीत नहीं रहे हैं वो ध्यान भटकाने के लिए कुछ न कुछ नया करने लगते हैं. जैसे गुजरात में सी-प्लेन किया था वैसे ही कुछ न कुछ नया लाते रहते हैं.

सेना मोदी की संपत्ति नहीं है. जब वो कहते हैं कि सेना ने कांग्रेस के शासनकाल में स्ट्राइक नहीं की थीं तब वो भारतीय सेना का अपमान कर रहे होते हैं.

ये सेना ने काम किया है. हम सेना के काम पर राजनीति नहीं करते हैं. सेना हिंदुस्तान की सेना है, किसी एक व्यक्ति की सेना नहीं है. प्रधानमंत्री में इतनी रेस्पेक्ट होनी चाहिए कि वो सेना का अपमान न करें.

न्याय योजना का एक ही लक्ष्य है, ग़रीबों के खाते में सीधे पैसा भेजना. इसका दूसरा लक्ष्य हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था को फिर से चालू करना है.

नोटबंदी यानी गब्बर सिंह टैक्स ने व्यपारियों का जीना मुहाल कर दिया है. नोटबंदी और गब्बर सिंह टैक्स से अर्थव्यवस्था को जो नुक़सान हुआ है उससे निबटने का तरीका न्याय योजना है.

भारत के मध्यम वर्ग का कोई भी युवा अगर व्यापार करना चाहता है तो उसे हिंदुस्तान में किसी से भी किसी प्रकार की अनुमति लेने की ज़रूरत नहीं है.

तीन साल तक कारोबार चलने के बाद उन्हें अनुमति लेनी होगी. हम हर साल 22 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देंगे. हम एक साल के अंदर ये नौकरी दे देंगे.

दस लाख युवाओं को हम पंचायतों में नौकरी दे देंगे. मध्यम वर्ग ही भारत का भविष्य है. हम उसे ध्यान में रखकर योजनाएं ला रहे हैं.

मैं आपको बता रहा हूं कि रोजगार के बारे में हम क्या कर रहे हैं. आप बीजेपी से पूछिए वो रोज़गार के लिए क्या कर रहे हैं?

हम किसानों के लिए अलग से बजट लेकर आएंगे. किसान को क़र्ज़ लेकर जेल नहीं जाना पड़ेगा.

कांग्रेस का मेनिफ़ेस्टो कांग्रेस की आवाज़ नहीं है बल्कि ये भारत के युवाओं, महिलाओं और किसानों की आवाज़ है, उनका दस्तावेज़ है.

वो कहते हैं कि हम नेशनल सिक्यूरिटी में बहुत मज़बूत है. नेशनल सिक्यूरिटी के लिए वो क्या कर रहे हैं. सुरक्षा से नरेंद्र मोदी का क्या लेना देना, ये तो सेना का काम है, भारतीय सेना हमेशा से ये करती रही है.

भारतीय सेना ने हर युद्ध जीता है, ये नरेंद्र मोदी का शौर्य नहीं है, सेना का शौर्य है.

नरेंद्र मोदी इधर-उधर भाग रहे हैं. उनके पास रोज़गार या किसानों पर बात करने के लिए कुछ नहीं है.

आप लोग सवाल उठाते हैं कि मैंने सुप्रीम कोर्ट से माफ़ी क्यों मांगी. मैंने सुप्रीम कोर्ट से माफ़ी इसलिए मांगी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में एक प्रक्रिया चल रही है. मैं उस प्रक्रिया के बीच में नहीं आना चाहता. मुझसे ग़लती हुई मैंने सुप्रीम कोर्ट से माफ़ी मांगी.

लेकिन मैं अब भी कह रहा हूं कि चौकीदार चोर है. चौकीदार ही चोर है, तीस हज़ार करोड़ का घोटाला किया है.

देश की सबसे बड़ी समस्या बेरोज़गारी की है, उसके बारे में भी बोलना चाहिए. लेकिन सच ये है कि प्रधानमंत्री इस बारे में बात कर ही नहीं सकते, क्योंकि ये उनकी विशेषज्ञता नहीं है और जो विशेषज्ञ हैं उनकी वो सुनते नहीं है.

मैं प्रधानमंत्री को बेरोज़गारी और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सीधी बहस की चुनौती देता हूं. वो अनिल अंबानी के घर के अलावा कहीं भी मुझसे इस मुद्दे पर बहस कर सकते हैं.

हमारा पहला उद्देश्य नरेंद्र मोदी को हराना है. चुनाव से पहले हम गठबंधन को लेकर कोई बात नहीं करेंगे. चुनाव के बाद इस बारे में हम बात करेंगे. अभी बात करेंगे तो इससे ध्यान ही भटकेगा.

मुझे एक डरा हुआ प्रधानमंत्री दिख रहा है जो जानता है कि वो हार जाएगा. लोग पूछ रहे हैं कि पैंतालीस सालों में बेरोज़गारी सबसे ऊपर क्यों हैं और उनके पास कोई जबाव नहीं है. जब उनसे ये पूछा जाता है तो वो भूतकाल में जाकर बहाने तलाशते हैं.

हम जो कर रहे हैं वो एक देश की आवाज़ है, वो एक व्यक्ति की आवाज़ है. एक व्यक्ति देश से बड़ा हो ही नहीं सकता है. देश की इस आवाज़ के सामने नरेंद्र मोदी खड़ा हो ही नहीं सकता है.

मैं आप सबका शुक्रिया अदा करता हूं क्योंकि बीते पांच सालों में आपने भारी दबाव में काम किया है. लेकिन दबाव के बावजूद आपने शानदार काम किया है.