लोकसभा चुनाव हारने के बाद मंथन में जुटी कांग्रेस ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में बैठक की. कांग्रेस की सबसे बड़ी इकाई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की इस बैठक में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, गुलामनबी आजाद, मोती लाल वोरा, अशोक गहलोत, शीला दीक्षित समेत कई वरिष्ठ नेता पहुंचे लेकिन एक नेता के न पहुंचने पर अटकलों का दौर शुरू हो गया.
दरअसल, CWC की बैठक में मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ नहीं पहुंचे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कमलनाथ अपनी सरकार बचाने की चिंता में CWC की बैठक से दूर थे. लोकसभा चुनाव 2019 के एग्जिट पोल के नतीजों से उत्साहित नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने राज्यपाल को पत्र लिखा था जिसमें विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की गई थी.
बीजेपी का दावा है कि मध्याप्रदेश की कमलनाथ सरकार अल्पमत में हैं और उसे हाऊस के फ्लोर पर बहुमत साबित करना होगा. दरअसल कांग्रेस के पास कुल 114 विधायक हैं और बहुमत के लिए 116 का अंकाड़ा चाहिए, जिसे पूरा करने के लिए कांग्रेस ने दो बसपा विधायकों से समर्थन लिया है. कहा जा कहा है कि बसपा कांग्रेस से नाराज चल रही है.
एक्जिट पोल के नतीजे आते ही नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को पत्र लिखकर विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग की थी. भार्गव ने कहा था कि ‘एग्जिट पोल के नतीजों से साफ है कांग्रेस अपना जनाधार खो चुकी है. सरकार अल्पमत में है. इसलिए फ्लोर टेस्ट कराना चाहिए.’ हालांकि राज्यपाल ने गोपाल भार्गव की मांग को खारिज करते हुए कहा कि अभी इसकी जरूरत नहीं है.