Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ से 1000 से अधिक यात्री जाएंगे अमरनाथ यात्रा पर

छत्तीसगढ़ से 1000 से अधिक यात्री जाएंगे अमरनाथ यात्रा पर




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साल 2019 में बाबा अमरनाथ की यात्रा 1 जुलाई से शुरू होकर 15 अगस्त तक चलेगी। यात्रा को मात्र एक माह का समय शेष रहने से अमरनाथ पर जाने वालों ने तैयारियां शुरू कर दी है। यात्रियों का ग्रुप बनने लगा है। जो यात्री पिछले कई सालों से लगातार यात्रा पर जा रहे हैं, उन लोगों ने नए यात्रियों को सलाह-मशविरा देना शुरू कर दिया है। वे नए यात्रियों को आश्वस्त कर रहे हैं कि रास्ते में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती। थोड़ी-बहुत मौसम की दिक्कतें आती हैं, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त होने और भोजन, कैम्प में ठहरने की व्यवस्था होने से यात्रा का भरपूर आनंद लिया जा सकता है।

श्री अमरनाथ यात्रा सेवा समिति के प्रणव तिवारी बताते हैं कि समिति के नेतृत्व में हर साल 100 से अधिक यात्री बाबा बर्फानी के दर्शन करने का लाभ लेते हैं। इसके अलावा अलग-अलग ग्रुपों में लोगों ने जाने का प्लान बना लिया है। जम्मूतवी एक्सप्रेस से रिजर्वेशन भी करवा लिया है। 46 दिनों तक चलने वाली यात्रा में लगभग 700 यात्री दर्शन करने रवाना होंगे। चूंकि छत्तीसगढ़ से सप्ताह में दो दिन ही जम्मूतवी एक्सप्रेस सीधे जम्मू तक जाती है। इस वजह से लगभग डेढ़ महीने तक अलग-अलग सप्ताह में यात्रियों ने रिजर्वेशन करवाया है।

यात्रा शुरू होने के पूर्व सीधी ट्रेन नहीं

इस बार यात्रा 1 जुलाई से शुरू हो रही है और जम्मू तक सीधी ट्रेन 2 जुलाई को रवाना होगी जो 3 जुलाई की रात्रि में जम्मू पहुंचेगी। इसलिए छत्तीसगढ़ के यात्री 4 जुलाई को जम्मू से रवाना होने वाले जत्थे में शामिल होंगे। रायपुर स्टेशन से यात्रा 2 जुलाई को शुरू होगी और 3 जुलाई की रात जम्मू पहुंचेंगे।

जम्मू से 4 जुलाई को सुबह वाहन से पहलगाम पहुंचकर विश्राम करेंगे। 5 जुलाई को पहलगाम से चंदनबाड़ी होते हुए शेषनाग कैम्प पहुंचेंगे। 6 जुलाई को सुबह शेषनाग कैम्प से पंचतरणी कैम्प पहुंचकर विश्राम करेंगे। 7 जुलाई को पंचतरणी से श्रीअमरनाथ गुफा पहुंचकर बाबा अमरनाथ का दर्शन करके विश्राम करेंगे।

8 जुलाई को बाबा अमरनाथ गुफा से बांस टाल पहुंचेंगे। 9 जुलाई को बांसटाल से कटरा पहुंचकर माता वैष्णोदेवी के दर्शन करके विश्राम करेंगे। 10 जुलाई को कटरा से निकलकर वापसी में स्वर्ण मंदिर, बाघा बार्डर, दिल्ली होते हुए श्रद्धालु 11 जुलाई को वापस राजधानी पहुचेंगे।

समुद्र तल से 13600 फुट ऊंचाई पर है बाबा अमरनाथ धाम

बाबा अमरनाथ धाम को हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थस्थल माना जाता है। अमरनाथ की गुफा कश्मीर के श्रीनगर शहर के उत्तर-पूर्व में 135 किलोमीटर दूर समुद्रतल से 13600 फुट की उंचाई पर स्थित है। गुफा की लंबाई 19 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर तथा ऊंचाई 11 मीटर है।

मान्यता है अमरनाथ गुफा में ही भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था। यहां शिवलिंग का निर्माण अपने आप प्राकृतिक बर्फ से होता है। करीब 10 फुट लंबा शिवलिंग चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ घटता-बढ़ता है। सावन महीने के अंतिम दिन पूर्णिमा को यह पूरे आकार में आ जाता है। धीरे -धीरे शिवलिंग छोटा होता जाता है।

चंदनबाड़ी से 32 और बालटाल से 14 किलोमीटर है दूरी

श्रीअमरनाथ सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष गंगाप्रसाद यादव एवं प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष प्रणय तिवारी ने बताया कि अमरनाथ यात्रा सबसे कठिन यात्रा है। चंदनवाड़ी और बालटाल दो मार्ग से श्रद्धालु पहुंचते हैं। चंदनबाड़ी मार्ग से भोलेनाथ की पवित्र गुफा 32 किलोमीटर तथा बालटाल से 14 किलोमीटर की दूरी पर है। इस साल भी अलग-अलग जत्थे में करीब एक हजार यात्री रवाना होंगे। समिति के नेतृत्व में रास्तेभर यात्रियों का मार्गदर्शन किया जाएगा।