आपने अबतक इंसानों को ही कोर्ट में पेश होत देखा होगा, लेकिन आज हम आपके एक ऐसी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसमें एक गाय को कोर्ट में पेश किया गया. दरअसल, राजस्थान के जोधपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें एक गाय को अदालत में पेश किया गया. उसके बाद ही जज साहब ने फैसला सुनाया. इस पूरे मामले को जानकर यकीनन आप भी दंग रह जाएंगे.
ये मामला शिक्षक श्याम सिंह और कांस्टेबल ओमप्रकाश के बीच का है. दोनों में गाय के मालिकाना हक को लेकर पिछले साल अगस्त महीने से विवाद चल रहा था. इस मामले को लेकर मंडोर थाने में केस दर्ज किया गया. हालांकि थाना प्रभारी ने अपने स्तर पर इस मामले को सुलझाने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह नाकाम रहे और उसके बाद केस कोर्ट तक पहुंच गया.
इससे पहले थाना अधिकारी ने इस केस को निपटाने की खूब कोशिश की. इसके लिए एक दिन थाना अधिकारी गाय को बीच में खड़ा कर लिया. उसके बाद टीचर श्याम सिंह और कांस्टेबल ओम प्रकाश को गाय के दोनों ओर खड़ा कर लिया. उसके बाद दोनों से गाय को आवाज देने को कहा गया. लेकिन गाय ने दोनों की बातें नहीं सुनीं.
उसके बाद एक पक्ष ने यह दावा किया था कि गाय जब दूध देती है तो वो अपना दूध खुद पीती है. इसके बाद गाय को मंडोर गौशाला में रखा गया. साथ ही वहां पर सीसीटीवी कैमरा भी लगाया गया था, ताकि जब गाय दूध देने लगे तो यह देखा जा सके कि गाय अपना दूध खुद पीती है या नहीं? लेकिन इस तरीके से भी गाय का फैसला नही हो पाया.
उसके बाद ये मामला, इसी साल अप्रैल में कोर्ट में पहुंच गया. गाय को कोर्ट में पेश होने को बुलाया गया. लेकिन जज साहब को खुद ही कोर्ट रूम से बाहर आना पड़ा. उन्होंने गाड़ी में खड़ी गाय के आसपास दोनों दावेदारों को खड़ा किया. फिर जज ने बारी-बारी से दोनों को गाय को पकड़कर सहलाने और घुमाने को कहा.
इस दौरान जज साहब ने इस पूरी प्रक्रिया को बड़े ही ध्यान से देखा. फिर दोनों पक्षों के बयान दर्ज कराए गए. इस केस से जुड़े वकील के मुताबिक, इस मामले में गाय का भौतिक सत्यापन भी किया गया था. उसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया. जज साहब ने शनिवार को अपना फैसला सुनाते गाय को कांस्टेबल ओमप्रकाश के सुपुर्द कर दिया और गाय का मालिकाना हक उसी को दे दिया.