केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ को मिलने वाले मिट्टी तेल के कोटे को घटा दिया. इससे पहले दाल—भात केन्द्र के लिए अनाज देना केन्द्र सरकार बंद कर चुकी है. जबकि राज्य की भूपेश सरकार ने मिट्टी तेल का कोटा बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र भी लिखा था. इसके बावजूद कोटा कम कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ के मुख्य अखबारों ने इस खबर को गुरुवार के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया है.
केन्द्र सरकार ने राज्य को मिलने वाले मिट्टी तेल के कोटे में 38 प्रतिशत की कटौती कर दी है. इससे पहले केंद्र सरकार छात्रावासों और दाल-भात सेंटर के लिए अनाज देना बंद कर चुकी है. पेट्रोलियम मंत्रालय ने पहली तिमाही में 28 हजार 764 किलोलीटर मिट्टी तेल का आबंटन किया था, जबकि दूसरी तिमाही के लिए मात्र 17 हजार 880 किलोलीटर आबंटन तय किया है.
सीएम ने लिखी थी चिट्ठी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर मिट्टी तेल का कोटा बढ़ाने की मांग की थी. उनका कहना था कि मिट्टी तेल के अपर्याप्त कोटे की वजह से राज्य में 12.90 लाख राशन कार्डधारियों को केरोसिन का वितरण नहीं हो पा रहा है. एलपीजी सिलेंडरों के रिफिल कीमत के युक्तियुक्तकरण और एलपीजी वितरकों की संख्या में पर्याप्त प्रसार होने तक ईंधन के रूप में मिट्टी तेल की जरूरत बनी रहेगी. ऐसे में कटौती से गरीब परिवारों को अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. इसके बावजूद केंद्र ने मिट्टी तेल में भारी कटौती कर दी है. नईदुनिया, पत्रिका, नवभारत सहित अन्य अखबारों ने भी इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया है.
सीआरपीएफ जवान ने की आत्महत्या
बीजापुर जिला मुख्यालय में स्थित एक सीआरपीएफ 170 बटालियन में पदस्थ आरक्षक ने आत्महत्या कर ली है. आरक्षक का नाम दीपक कुमार शाह बताया जा रहा है. वो उत्तर प्रदेश का रहने वाला था. बीजापुर थाना क्षेत्र में स्थित सीआरपीएफ कैंप में उसने इंसास रायफल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है.
मानसून में देरी, बढ़ी गर्मी
बंगाल की खाड़ी में मानसूनी गतिविधियां कम होने से छत्तीसगढ़ में पिछले सप्ताहभर से बारिश रुक गई है. इस वजह से दिन का तापमान 10 डिग्री तक बढ़ गया है. मानसून आने से जहां राहत मिली थी, वहीं एक बार फिर राजधानी रायपुर समेत पूरा प्रदेश गर्मी और उमस की चपेट में है. हालांकि मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि 27 जून के बाद खाड़ी में सिस्टम डेवलप होने से राज्य में फिर से भारी बारिश होगी. मानसून ने छत्तीसगढ़ में 22 जून को प्रवेश किया और आगे बढ़ गया.