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यहां भगवान शिव से करते हैं हठ, मन्नत पूरी होने तक भक्त देते हैं धरना




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जामताड़ा के देवलेश्वर धाम में मन्नत पूरा होने तक भक्त धरना देते हैं. इसलिए इसे हठ योग का प्रतिष्ठित स्थल माना जाता है. यहां भक्त फलाहार कर अपनी सेवा देते हैं. किसी पर तो एक- दो दिन में ही बाबा प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन किसी- किसी को वर्षों तक कठोर तप करना पड़ता है. ऐसे तपस्वियों का ध्यान तीर्थ पुरोहित रखते हैं. यहां असाध्य से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं. इससे देवलेश्वर धाम पर आस्था और विश्वास का केन्द्र बन गया है. 

धरना देकर हर मन्नतें पूरी करवाते हैं भक्त

तीर्थ पुरोहित बासुदेव झा कहते हैं कि देवल मुनि की घोर तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव कामना लिंग के रूप में यहां स्थापित हुए. यहां प्राचीन काल से श्रद्धालु धरना देते आ रहे हैं. वे फलाहार कर ब्रह्मचर्य धर्म का पालन करते हैं. ऐसे हठयोगी भक्तों की यहां हर मनोकामना पूरी होती है.

सालों से भक्त दे रहे धरना

 देवलेश्वर धाम जामताड़ा शहर से 35 किलोमीटर दूर नाला इलाके में स्थित है. सावन के महीने में यहां भक्तों की विशेष भीड़ लगती है. यहां इनदिनों आठ महिला और दो पुरुष धरना (हठयोग) दे रहे हैं. मानसिक रूप से बीमार सोनी कुमारी पांच वर्ष से यहां शिव की आराधना में जुटी है. वह इस बीमारी से छुठकारा पाने के लिए महादेव से हठ कर रखी है.

पिछले 6 वर्षों से परिजनों से अलग चिंतामणी मंडल यहां घोर तप कर रहे हैं. न्यूज-18 की टीम ने जब उनसे उनके तप के बार में पूछा तो उन्होंने रुआंसे स्वर बताया कि 6 साल से बाबा के पास हूं. इस दौरान बाबा ने कैंसर के कई रोगियों को जीवनदान दिया है. हमें भी बाबा के कृपा का इंतजार है. 

बता दें कि झारखंड में संथाल परगना की धरती पर एक तरफ देवघर में बाबा बैद्यनाथ और दुमका में बाबा बासुकीनाथ विराजते हैं, तो दूसरी तरफ जामताड़ा में देवलेश्वर महादेव स्थापित हैं. ये तीनों ही केन्द्र आस्था के बड़े केन्द्र हैं.