बात खूबसूरती की हो या खाने का जायका बढ़ाने की, दोनों ही जिम्मेदारियों को बखूबी निभाने के साथ आपकी सेहत को भी बनाए रखता है कश्मीरी केसर. केसर की खेती करने के लिए सबसे अच्छा समय अगस्त-सितंबर के दौरान होता है. जिसके बाद अक्टूबर से दिसंबर तक केसर के फूल निकल आते हैं.
भारत में केसर लाखों रुपये में बिकता है. बावजूद इसके कई बार मोटी रकम चुकाने के बाद भी लोग असली केसर पहचानने में धोखा खा जाते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं वो 5 टिप्स, जिनकी मदद से आप चुटकियों में कर सकेंगे असली केसर की पहचान.
पानी में रंग-
शुद्ध केसर का रंग पानी में धीरे-धीरे दिखाई देता है जबकि मिलावटी केसर पानी में डालने के तुरंत बाद ही अपना लाल रंग छोड़ देता है.
स्वाद-
केसर का गंध भले ही मीठी लगती हो, लेकिन स्वाद में ये कड़वा होता है. असली केसर की पहचान करने के लिेए थोड़ा सा केसर अपनी जीभ पर रखकर देखें. अगर 15-20 मिनट के बाद आपको सिर में गर्मी महसूस होने लगे, तो केसर असली है. मिलावटी केसर का स्वाद मीठा होता है और इसे चखने के बाद यह आपके जीभ पर लाल रंग छोड़ती है.
बेकिंग पाउडर में मिलाकर पहचानें-
पानी में थोड़ा सा बेकिंग सोडा डालकर केसर के असली और नकली होने की पहचान की जा सकती है. इसके लिए आप एक कप पानी में थोड़ा सा बेकिंग सोडा लें और अच्छे से मिला लें. अब ध्यान दें कि अगर इस दौरान केसर संतरी रंग छोड़ता है तो वह नकली है क्योंकि पानी में असली केसर डालने पर गहरा पीला रंग देता है. नकली केसर पानी में लाल रंग देता है.
गर्म जगह पर रखकर देखें-
केसर के धागे हमेशा सूखे होते हैं, पकड़ने से टूट जाते हैं और गर्म जगह पर केसर रखने से यह खराब हो जाता है जबकि नकली केसर वैसा का वैसा ही रहता है.
गर्म पानी-
केसर हल्के गर्म पानी में पूरी तरह से घुल जाता है. यदि रेशे को पानी में बहुत देर तक रखने पर भी उसके रेशे पानी में ना घुले तो केसर को नकली समझना चाहिए.