जैसा कि हम जानते हैं कि शरीर के अपशिष्ट एवं अशुद्ध पदार्थ यूरिन के माध्यम से शरीर के बाहर उत्सर्जित होते हैं। इसलिए लघुशंका का संकेत मिलने पर यदि उसे तुरंत उत्सर्जित ना किया जाए तो इससे किडनी की कार्य प्रणाली में रुकावट पैदा होती है और उसकी कार्यक्षमता पर भी इसका खराब असर पड़ता है। साथ हीं इससे किडनी स्टोन एवं इन्फेक्शन होने की भी आशंका रहती है।
इसके अलावा लघुशंका को अधिक देर तक रोक कर रखने से मूत्र मार्ग की नली में जलन, सूजन एवं कदाचित् दर्द की समस्या भी हो सकती है; यदि ऐसा बार बार किया जाए तो इससे हमारी किडनी एवं यूरिनरी ब्लैडर पर काफी प्रतिकूल और बुरा प्रभाव पड़ता है। वे अंदरुनी रूप से क्षतिग्रस्त भी हो सकते हैं। इसलिए ऐसा करने से बचना चाहिए।
आपको यह भी जानना चाहिए कि अधिक देर तक लघुशंका रोक कर रखने से यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन यानी कि मूत्रमार्ग में संक्रमण होने की भी आशंका बढ़ जाती है। इसलिए जब भी लघुशंका का संकेत मिले तो इसे ज्यादा देर तक ना रोकते हुए तुरंत डिस्चार्ज कर देना चाहिए ताकि शरीर में किसी भी तरह की विषाक्तता ना फैल पाए।