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कब, कैसे और कितना निकाल सकते हैं PF का पैसा, यहां जानें सभी जवाब




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लोग अकसर अपने प्रोविडेंट फंड (PF) का पैसा पाने के लिए परेशान रहते हैं। वैसे तो प्रोविडेंट फंड लंबे समय के लिए किया गया निवेश होता है, लेकिन कई बार लोग इसे समय से पहले निकालना चाहते हैं, पर जानकारी के आभाव के कारण उन्हें इसके लिए बहुत भटकना पड़ता है। अब पीएफ का पैसा निकालने के लिए आपको दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे, बल्कि घर बैठे ही आप पैसा निकाल पाएंगे। आइए जानते हैं कि आप कैसे ऑनलाइन पीएफ का पूरा पैसा निकाल सकते हैं। अगर आप ऑनलाइन पीएफ का पैसा निकालते हैं तो पांच से 10 दिन में ही आपका पैसा आपके खाते में आ जाएगा।

  • इसके लिए सबसे पहले आपको ईपीएफओ की वेबसाइट पर जाकर अपना यूएएन (UAN) नंबर, पासवर्ड और कैप्चा डालना होगा। ये जानकारी डालकर लॉग-इन करने के बाद आपके समक्ष मैनेज (Manage) का एक विकल्प आएगा। यहां क्लिक करने के बाद आप अपनी केवाईसी (KYC) की जानकारी की जांच कर लें।
  • अपनी जानकारी की जांच करने के बाद आपको ऑनलाइन सर्विस (Online Services) पर क्लिक करना होगा। अब आपके समक्ष एक ड्रॉप मेन्यू खुलेगा, जहां से आपको क्लेम पर क्लिक करना होगा। इस क्लेम फॉर्म को सबमिट करने के लिए आपको प्रोसीड फॉर ऑनलाइन क्लेम (Proceed For Online Claim) के विकल्प का चयन करना होगा।
  • पीएफ की जानकारी आपको रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस के जरिए भी मिल जाएगी। हालांकि ऑनलाइन पैसा निकालने के लिए आपका ईपीएफ खाता आधार से लिंक होना अनिवार्य है। अगर आपका आधार ईपीएफ खाते से लिंक नहीं होगा, तो आप ऑनलाइन अपना पीएफ क्लेम नहीं कर पाएंगे।


पीएफ खाता हर कर्मचारी के भविष्य के लिए की गई बचत है। इसलिए यदि कोई मुश्किल समय न आए तो पीएफ का पैसा नहीं निकालना ही समझदारी है। आइए जानते हैं आप किन परिस्थितियों में पीएफ का कितना पैसा निकाल सकते हैं।

शादी और पढ़ाई के लिएआप अपनी या अपने भाई-बहन की या अपने बच्चों की शादी के लिए भी पीएफ की राशि को निकाल सकते हैं। वहीं अगर आपको पढ़ाई के लिए पैसों की जरूरत है, तो भी आप पीएफ की राशि को निकाल सकेंगे। हालांकि इसके लिए आपको कम से कम सात साल की नौकरी करनी होगी। आप जिस भी कारण के लिए पैसा निकालेंगे, उसका सबूत आपको देना होगा।

इलाज के लिएनियम के अनुसार आप अपने और अपने परिवार के इलाज के लिए पीएफ का पूरा पैसा निकाल सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको सबूत देना होगा कि जिसके लिए आप पैसे निकालना चाहते हैं, वो एक महीना या उससे अधिक समय तक अस्पताल में भर्ती है। इसके अतिरिक्त आपको इंप्लॉयर या ईएसआई के द्वारा अप्रूव किया गया एक सर्टिफिकेट भी देना होगा।

होम लोन की रि-पेमेंट के लिएइसके अतिरिक्त अगर आपको अपने होम लोन के रि-पेमेंट के लिए पीएफ का पैसा निकालना है, तो आपकी नौकरी के 10 साल पूरे होने चाहिए। इसके लिए आप अपनी सैलरी का अधिकतम 36 गुना तक पीएफ का पैसा निकाल सकते हैं।

प्लॉट खरीदने के लिएअगर आप अपना खुद का घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो आप पीएफ का पैसा इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आपका कार्यकाल पांच साल पूरा होना चाहिए। ये प्लॉट आप अपने, या अपनी पत्नी के या फिर दोनों के नाम पर रजिस्टर करा सकेंगे। ध्यान रहे कि पीएफ का पैसा निकालने के लिए ये अनिवार्य है कि आपकी प्रॉपर्टी किसी प्रकार के विवाद में न फंसी हो। प्लॉट खरीदने के लिए आप अपनी सैलरी का अधिकतम 24 गुना तक पीएफ का पैसा निकाल सकते हैं।

घर के रेनोवेशन के लिएअगर आप अपने घर के रेनोवेशन के लिए पीएफ का पैसा निकालना चाहते हैं तो आपके नौकरी के कम से कम पांच साल पूरे होने चाहिए। घर के रेनोवेशन के लिए आप अपनी सैलरी का अधिकतम 12 गुना तक पीएफ का पैसा निकाल सकते हैं। 

अक्सर लोग नौकरी बदलते हैं तो उनका पीएफ खाता नंबर बदल जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रत्येक कंपनी अपने कर्मचारी का नया पीएफ खाता खोलती है। ऐसे में कर्मचारियों को पुराने पीएफ खाते से लाभ नहीं मिल पाता था। हालांकि यूनिवर्सल अकाउंट नंबर की शुरुआत होने से कर्मचारी अपने सभी पीएफ खाते को एक जगह से ही ऑपरेट कर सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे।

आसानी से करा सकते हैं मर्जकोई भी कर्मचारी अपने पुराने पीएफ खाते को एक ही यूएएन से लिंक करा सकता है। कर्मचारियों की सहुलियत के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने जनवरी 2014 से यूएएन की सुविधा को शुरू किया था।

इसके तहत ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन भी मर्ज करा सकते हैं। 2014 से पहले इससे पहले से निजी कंपनियों, कारखानों, केंद्र व राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों आदि में कार्यरत सैकड़ों कर्मचारियों- अधिकारियों के अलग-अलग पीएफ नंबर हैं। हालात यह हैं कि किसी- किसी के तो पांच-छह तक अकाउंट हैं। इन्हें अपने सभी अकाउंट मौजूदा अकाउंट नंबर से लिंक कराना होगा।

ऑफलाइन भरना होगा यह फॉर्मअब आप ऑफलाइन भी अपने पुराने पीएफ खातों के साथ लिंक करा सकते हैं। इसके लिए ईपीएफओ ने फॉर्म 13 जारी किया है। इसमें जानकारी के अलावा इसे आपके पहले और मौजूदा कंपनी से वेरिफाई करके अप्रूव कराना होगा। यदि पहले के नियोक्ता अप्रूव नहीं करें तो मौजूदा कंपनी के अप्रूवल से ही काम हो जाएगा। इसे भरकर आपको ईपीएफओ दफ्तर में जमा करना होगा।

ऑनलाइन मर्ज करने का यह है तरीकाईपीएफओ को [emailprotected] पर मेल के जरिए सूचना देनी होगी। यहां पुराने व नए दोनों ही यूएएन नंबर भरने होंगे। इसके बाद ईपीएफओ आपके दोनों यूएएन नंबर को क्रॉस वेरीफाई करेगा। वेरिफाई करने के बाद पुरान वाला यूएएन नंबर ब्लॉक हो जाएगा। इसके बाद आप अपने पुराने वाले खाते में जमा राशि को नए वाले खाते में जमा कराने के लिए अप्लाई कर सकते हैं। आपका पीएफ खाता और यूएन आपस में लिंक हो।

यह है दूसरा तरीका

  • सबसे पहले ईपीएफओ पोर्टल से आपको पुराने पीएफ खाते को नए पीएफ खाते में ट्रांसफर क्लेम करना होगा।
  • ट्रांसफर के लिए रिक्वेस्ट करने के बाद ईपीएफओ आपके ट्रांसफर क्लेम को वैरिफाई करेगा। आपको दोनों यूएएन को लिंक करने के लिए प्रक्रिया शुरू करेगा।
  • ट्रांसफर प्रोसेस होने के बाद ईपीएफओ आपके पिछले यूएएन को ब्लॉक कर देगा। डिएक्टिवेट किए गए यूएएन का इस्तेमाल इसके बाद नहीं हो सकेगा।
  • यूएएन खाते का मर्ज करने की प्रक्रिया ऑटोमैटिकली पूरी हो जाएगी। जरूरी नहीं इसके लिए एम्प्लॉई ने रिक्वेस्ट की हो।
  • एक बार जब ईपीएफओ आपके नए यूएएन को वेरिफाई कर लेगा तो उसे आपके पीएफ खाते से लिंक कर दिया जाएगा।
  • इस संबंध में कर्मचारी को एसएमएस के जरिए अलर्ट करेगा कि पुराने को डिएक्टिवेट कर दिया गया है। इसके बाद नए यूएएन को एक्टिवेट किया जा सकता है।