Home छत्तीसगढ़ CHHATTISGARH : तबादला उद्योग का अंतिम पड़ाव

CHHATTISGARH : तबादला उद्योग का अंतिम पड़ाव




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पिछले दो महीने से चल रहे तबादला महोत्सव का आज अंतिम दिवस है। कई विभागों ने तो पहले ही ट्रांसफर आर्डर जारी कर दिए हैं। एक कद्दावर मंत्री ने तो सचिव और अन्य अधिकारियों को बंगले बुलाकर पहले सबको मोबाईल बंद करने को कहा और फिर सभी बैठकर तीन बजे रात तक तबादला आदेश जारी कर दिए। अधिकांश विभाग आज देर रात तक अपनी सूची को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। लंबे अरसे बाद हो रहे तबादला महोत्सव में कई आपाधापी भी देखी जा रही है। इसकी बानगी वनवासी विभाग में देखी जा सकती है, वहां तो एक ही व्यक्ति का तबादला दो-दो जगह हो गया हैं और शिक्षा महकमे में पिछले चार दिन से सुबह से लेकर देर रात तक नुमाइंदे अधिकारियों के साथ सूची को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। इस बात की खूब चर्चा है कि जहां-जहां से खुश करने की सामग्री मिल चुकी हैं, माननीय के नुमाइंदे सूची लेकर उन नामों को जुड़वाने के लिए डटे हुए हैं। वैसे तो तबादले के लिए अधिकतम 15 प्रतिशत की सीमा तय की गई है फिर भी सूत्रों के मुताबिक शिक्षा महकमे में सीमा से बहुत कम जहां-जहां से खुश करने की सामग्री प्राप्त हुई है केवल उन्हीं नामों को ही सूची में शामिल किया जा रहा है। 
विपक्षी पार्टी के पी.ए.
पीएगिरी का सुखद पहलू पिछले पंद्रह वर्षों से इस पद पर रहे लोगों से अच्छा कौन जान सकता है? भाजपा के समय में पी.ए. रहे अधिकांष नुमाइंदे कांग्रेस सरकार में भी खूब जोर आजमाईष कर चुके हैं, लेकिन किसी की दाल नहीं गली। नई सरकार ने सैध्दांतिक निर्णय ले लिया है कि भाजपा के नुमाइंदों की एंट्री बंद। भाजपा में पंद्रह साल पी.ए. रहे एक नुमाइंदे तेरहवे मंत्री के यहां घुसने के जोड़-तोड़ में लगे थे। किसी तरह वे मंत्री के पास पहुंच भी गए उनको देखकर मंत्री झल्ला उठे और उनको बंगले से बाहर करने का फरमान जारी कर दिया। 
अधिकारियों के पदस्थापना का भाग्य  अपने सेवाकाल के दरम्यान कई अधिकारी पदस्थापना के मामले में किस्मत के धनी होते हैं और कईयों को किस्मत दगा दे जाती है। काफी प्रयास के बाद भी हर बार पोस्टिंग गड़बड़ा जाती है। निर्माण कार्य विभाग के एक साहब वाकई इस के मामले में उनके खाते में कई बार दुगनी और तिगुनी प्राप्ति हुई। पहले साहब एसडीओ और ईई थे तब भी उनके पास दो-दो डिविजन का प्रभार था। अब साहब विभागाध्यक्ष बन गए हैं तब भी उनके पास एडीबी और मुख्य अभियंता ब्रिज का भी प्रभार है। कुल मिलाकर साहब के पास तीन जगहों का प्रभार एक साथ है। इसको लेकर विभाग के कुछ अधिकारी आपत्ति भी जता रहे हैं कि ईएनसी बनने के बाद नीचे के पोस्ट को छोड़ देना चाहिए। निचले पद के लिए इतना मोह ठीक नहीं है।