मशहूर फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन पर एक बार फिर 57.20 करोड़ डॉलर (करीब 41 अरब रुपए) का जुर्माना लगा है. अमेरिका की एक अदालत ने यह जुर्माना नशीली दवाओं के इस्तेमाल से जुड़े ओपॉयड संकट मामले में लगाया है. अमेरिका की सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन एजेंसी के अनुसार, देश में ओपॉयड के चलते 1999 से 2017 के दौरान करीब 4 लाख लोगों की मौत हुई.
ओकलाहोमा की क्लेवलैंड काउंटी की जिला अदालत के जज थाड बाकमैन ने अपने फैसले में कहा कि कंपनी ने जानबूझकर ओपॉयड के खतरे को नजरअंदाज किया और अपने फायदे के लिए डॉक्टरों को नशीली दर्द निवारक दवाएं लिखने के लिए अपने पक्ष में किया. जज ने राज्य सरकार की ओर से ओपॉयड पीड़ितों के इलाज के लिए मांगी गई राशि के मुकाबले जॉनसन एंड जॉनसन को काफी कम भुगतान करने का आदेश दिया है. राज्य सरकार ने 17 अरब डॉलर की मांग की थी.
‘जॉनसन एंड जॉनसन’ की घटिया हिप इंप्लांट का शिकार दुनिया भर के मरीज हुए हैं. इसी साल 7 मई को कंपनी ने अमेरिका की एक कोर्ट में एक बिलियन डॉलर का जुर्माना भरा. कंपनी के खिलाफ यहां करीब 6000 केस दायर हुए थे. कंपनी पर आरोप लगे थे कि साल 2003 से 2013 तक लोग घटिया हिप इंप्लांट के शिकार हुए.
जज ने कहा कि जॉनसन एंड जॉनसन ने राज्य के कानून तोड़ा है. कंपनी की गलत, भ्रामक और खतरनाक मार्केटिंग के कारण तेजी से नशे की लत बढ़ी और ओवरडोज से मौत के मामले सामने आए. कंपनी ने इससे 20 साल के दौरान इससे अरबों डॉलर की कमाई की है. इस फैसले पर ओपॉयड दवा बनाने वाली करीब दो दर्जन कंपनियों की नजर थी, क्योंकि इन दवाओं को बनाने वाली कंपनियों, वितरकों और विक्रेताओं पर अमेरिका में इसी तरह के करीब 2500 मुकदमे चल रहे हैं.