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मूर्तियों को परखने फील्ड में उतरे अफसर, बाजार के बाद मूर्तिकारों के घर पहुंचे, रोज ऐसे ही जांच…




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शहर में पीओपी की प्रतिबंधित मूर्तियों की जांच करने अफसरों की टीम मंगलवार से ही फील्ड पर उतर गई है। अफसरों की अलग-अलग टीमों ने पहले बाजार की एक-एक दुकान में जाकर मूर्तियों की जांच की। उसके बाद वे मूर्तिकारों तक पहुंच गए। जहां-जहां जो मूर्तियां बना रहे हैं, वहां जाकर देखा गया कि वे किसका उपयोग कर रहे हैं। जांच के दौरान दुकानदारों और मूर्तिकारों को समझाइश दी गई कि वे किसी भी सूरत में पीओपी की मूर्तियों का उपयोग न करें अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 


नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी की सख्ती के बाद प्रशासन पीओपी की मूर्तियों के उपयोग रोकने सक्रिय हो गया है। जिला प्रशासन और निगम के अफसर अलग-अलग स्तर पर जागरुकता अभियान भी चला रहे हैं। लोगों को समझाया जा रहा है कि पीपीओ की मूर्ति से प्रदूषण को किस तरह से नुकसान हो रहा है।

मूर्ति में उपयोग किए जाने वाले सिंथेटिक कलर से भी पानी के प्रदूषण का हवाला दिया जा रहा है। इस बीच जिला और निगम प्रशासन ने अफसरों को साफ कह दिया है कि किसी भी सूरत में पीओपी की मूर्तियों की बिक्री नहीं होनी चाहिए। इसके लिए अफसरों की अलग टीमें बनाईं गईं हैं। मंगलवार को गणेश उत्सव के पहले कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन ने अफसरों की क्लास लेकर निर्देश दिए।  निगम कमिश्नर शिव अनंत तायल ने भी अलग से अफसरों की बैठक लेकर उनसे फील्ड सर्वे की जानकारी ली।
 

अस्थायी कुंड में होगा मूर्तियों का विसर्जन : महादेव घाट में भी मूर्तियों का विसर्जन अस्थायी कुंड में होगा। इसके लिए तैयारी कर ली गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार ही अस्थायी कुंड बनाया गया है। मूर्तियों का विसर्जन अस्थायी कुंड में ही किया जाएगा। इसके अलावा निर्देश जारी कर दिया गया है कि विसर्जन के समय मूर्ति एवं पूजा सामग्री जैसे फूल, कपड़े, कागज एवं प्लास्टिक से बनी सजावट की चीजें पहले ही अलग कर ली जाएं। 

विसर्जन स्थल पर वेस्ट मटेरियल जलाना प्रतिबंधित रहेगा।

गणेश पंडाल में स्वर्ग-नरक की झलकी :  गुढ़ियारी पड़ाव की 101 साल पुरानी गणेश उत्सव समिति इस साल 31 लाख रुपए की लागत से झांकी तैयार कर रही है। 80 स्वचलित भगवान की प्रतिमाएं इस झांकी का मुख्य आकर्षण है। यमराज और इंद्र देवता का दरबार लगाकर स्वर्ग और नरक की झलक झांकी में देखने को मिलेगी। 40 हजार वर्गफीट के विशाल क्षेत्र में गणेश झांकी का निर्माण किया जा रहा है। मशहूर कलाकर प्रलय देवानंद और उनकी 25 सदस्यों की टीम पिछले तीन महीने से गणेश झांकी बना रही है। गणेश भगवान की 9 फीट ऊंची मूर्ति भी आकर्षण का केंद्र रहने वाली है। झांकी के मुख्य प्रवेश द्वार पर राक्षस की विशाल प्रतिमा है, इसके मुंह से ही लोग गणेश झांकी देखने के लिए प्रवेश करेंगे।