बिलासपुर..पिछले कुछ दिनों से मीडिया मे चर्चित सिरगिट्टी थाना प्रभारी विजय चौधरी एक बार फिर चर्चा मे है.. और इस बार भी वजह बना है सूचना के अधिकार के तहत जानकारी माँगने गए आवेदक से पूछा गया सवाल..? गौरतलब है कि सिरगिट्टी थाना क्षेत्र मे लगातार तेजी से बढ़ रहे क्राइम को लेकर क्षेत्र मे चल रहे नशे, सट्टा, कबाड़ सहित गैरकानूनी गतिविधियों पर पुलिस का संरक्षण का आरोप लगाते हुए बिलासपुर रेंज के आईजी और पुलिस कप्तान से पुलिस से सहयोग माँगते हुए क्षेत्र मे चल रही अवैध गतविधियो पर अंकुश लगाने ज्ञापन भी सौपा था उस दौरान भी सिरगिट्टी पुलिस पर इन्हें संरक्षण देने का आरोप भी लगाया गया था। राजधानी से लेकर न्यायधानी तक मे थाना प्रभारी विजय चौधरी द्वारा थाने मे लोगो के साथ किये जा रहे दूरव्यवहार और अनुशासनहीनता की खबर मीडिया की सुर्खी बनी तो कुछ ने तो मंत्रियों के साथ उनकी नजदीकी का भी जिक्र किया।
ताजा मामला भी सिरगिट्टी थाना के बहुचर्चित बाइक अग्निकांड से जुड़ा हुआ है, जहाँ कुछ सालों पहले करीब 1000 बाइक जलकर राख हो गई थी और कोर्ट के आदेश के बाद इन बाइको के जले हुए कबाड़ को सिरगिट्टी थाना परिसर मे सुरक्षित रखा गया था अचानक बाइक के अवशेष थाने से गायब हो गए । सिरगिट्टी के कबाड़ीयो के साथ साठ गाँठ कर थाने से गैरकानूनी तरीके से बेचने के आरोप थाना प्रभारी और थाने मे तैनात पुलिस कर्मियों पर लगे थे जिसकी जांच शुरू हुई पर आज खबर लिखे जाने तक पुलिस यह पता नही कर पाई की थाना परिसर से इतनी तादाद मे कबाड़ के गायब होने मे किसकी भूमिका हे.?
सूचना के अधिकार के तहत जब आवेदक अपने आवेदन के साथ सिरगिट्टी थाने पहुँचा तो एक बार फिर थाना प्रभारी ने अपने आचरण के अनुरूप आवेदन लेने या जबाब देने के वजाय आवेदक से ही पूछ लिया की जानकारी लेने मे आपका क्या इंट्रेस् है.? जबकि नियमो के तहत् किसी भी सरकारी कर्मचारी को इस तरह के सवाल करने का कोई अधिकार नही है। इसकी पुष्टि आवेदक सहित थाने मे पदस्थ विभागीय सूत्रों ने भी की है। हालाँकि आवेदन जमा कर लिया है अब देखना होगा की सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी कब तक मुहैया करवाता है या फ़िर..???