छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कल 8 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर जनता को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। श्री बघेल ने आज यहां जारी अपने बधाई संदेश में कहा है कि आज का दिन अक्षरों की अलख जगाने, अक्षर ज्ञान की महत्ता बताने का दिन है। अक्षर ज्ञान के प्रकाश से अपने और समाज के जीवन में चेतना, सुख और समृद्धि की रोशनी फैलाने का दिन है।
मुख्यमंत्री ने आव्हान किया है कि प्रदेश को शत-प्रतिशत ’साक्षर तथा डिजिटल साक्षर’ बनाने के लिए हम सब अपना योगदान देने का संकल्प लें। सभी का योगदान प्रदेश के सुनहरे भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा और ’गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ का संकल्प पूरा करने में मददगार होगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा है कि वास्तव में अक्षर ज्ञान वह पहला द्वार है, जहां से ज्ञान के अनंत रास्ते खुलते हैं। साक्षरता से शिक्षा और शिक्षा से विकास का सीधा संबंध है। आज का दिन प्रदेश में साक्षरता के वर्तमान सोपान पर गर्व करने का है, तो शेष लक्ष्य प्राप्त करने के लिए संकल्प लेने का भी है। उन्होंने कहा है कि एक अनुमान के अनुसार आज भी प्रदेश की कम से कम 25 प्रतिशत जनसंख्या साक्षरता से वंचित है, इसलिए शत-प्रतिशत साक्षरता की दिशा में आगे बढ़ने के लिए व्यक्तिगत रूचि और सामूहिक प्रयासों की बड़ी आवश्यकता है। व्यापक जनभागीदारी से लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी की व्यापकता और जनजीवन में इसके प्रभाव को देखते हुए छत्तीसगढ़ में ’मुख्यमंत्री शहरी कार्यात्मकता साक्षरता कार्यक्रम’ शुरू किया गया है। यह देश में अपनी तरह का पहला प्रयास है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि इस कार्यक्रम का लाभ भी सबको मिलेगा।