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दिल्‍ली एयरपोर्ट पर दिव्‍यांग महिला से कहा- खड़ी हो, नौटंकी मत करो!




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एक व्हीलचेयर पर सवार अमेरिकी महिला (जो ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड भी रखती हैं) ने सोमवार को आरोप लगाया कि इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) की एक कांस्टेबल द्वारा उन्हें ‘प्रताड़ित’ किया गया, क्योंकि वे चेकिंग के लिए अपने व्हीलचेयर से खड़ी नहीं हो पा रहीं थी.

प्रेरक वक्ता और विकलांग अधिकार कार्यकर्ता विराली मोदी ने कहा कि वे दिल्ली से मुंबई की यात्रा कर रही थी, जब उन्हें इस प्रताड़ना का सामना करना पड़ा. साल 2006 में रीढ़ की हड्डी में लगी चोट के कारण वे पैरालिसिस का शिकार हैं. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों पर उन्हें कभी भी ऐसी प्रताड़ना का सामना नहीं करना पड़ा है.

देश के सभी 60 एयरपोर्ट्स की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली सीआईएसएफ को की गई शिकायत में मोदी ने कहा, “मैं पिछले 13 सालों से दिव्यांग हूं. मैं चल नहीं सकती और खड़ी नहीं हो सकती. मैं आज (सोमवार) आईजीआई एयरपोर्ट, टर्मिनल 3 से स्पाइसजेट की फ्लाइट (एसजी8723) से यात्रा कर रही थी.” उन्होंने कहा कि अपनी दिव्यांगता के कारण उन्होंने अपने निजी व्हील चेयर को चेक इन काउंटर पर दे दिया ताकि उसे सामान के साथ विमान में रखा जा सके.

उन्होंने कहा, “मेरी मदद के लिए एक पोर्टर नियुक्त किया गया, जो मुझे विमान में मेरे सीट तक छोड़ने जा रहा था. सुरक्षा जांच तक पहुंचने पर मुझे आपकी महिला कर्मचारी (सीआईएसएफ कर्मी) द्वारा जीवन के सबसे बुरे अनुभव का सामना करना पड़ा. उसने जबरदस्ती मुझे खड़ा होने के लिए दवाब डाला, यहां तक कि मैं और मेरे पोर्टर ने उनसे कई बार कहा कि मैं खड़ी नहीं हो सकती. तो उसने मेरी सुरक्षा जांच से इनकार कर दिया.”

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मोदी ने कहा कि उन्होंने उसे अपना पासपोर्ट भी दिखाया, जिससे उनके विकलांग होने की पुष्टि होती थी. लेकिन सीआईएसएफ कर्मी उन पर चिल्लाने लगी और ‘नाटक करने का’ आरोप लगाया. अपने पत्र में उन्होंने कहा कि वह सीआईएसएफ कर्मी का नाम नहीं जान सकी, क्योंकि वह उस तरीके से खड़ी थी कि उसके नाम का टैग दिखा नहीं. उसके बाद एक वरिष्ठ कर्मी आया और जांच कर जाने दिया.

सीआईएसएफ कर्मी के व्यवहार पर निराशा व्यक्त करते हुए मोदी ने कहा, “क्या इसी तरीके से सीआईएसएफ अपने लोगों को किसी विकलांग के साथ व्यवहार करने के लिए प्रशिक्षित करती है? अगर ऐसा है तो यह हमारी सरकार के लिए शर्म की बात है.”

उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले मुंबई एयरपोर्ट पर भी एक सीआईएसएफ कर्मी द्वारा उन्हें ऐसे ही व्यवहार का सामना करना पड़ा था. उसने भी खड़ा होने पर जोर दिया और जब वह नहीं उठ सकी तो उस महिला सुरक्षाकर्मी ने उसके पांव को इतनी जोर से खींचा कि अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था.