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चलती ट्रेन की सील बंद बोगी से गायब हो गई बाइक




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ट्रेन पटरियों पर अपनी स्पीड से दौड़ रही थी. ट्रेन की लगेज बोगी पिछले रेलवे स्टेशन से सील बंद कर आगे के लिए रवाना की गई थी. उसके ठीक पीछे ट्रेन का गॉर्ड भी बैठा हुआ था. जब ट्रेन रवाना हुई तो लगेज बोगी का फर्श सही सलामत था. बोगी की छत भी नहीं कटी हुई थी. बोगी के दरवाजे भी ठीक तरह से बंद थे. लेकिन इसके बाद भी चलती ट्रेन की लगेज बोगी से एक बाइक गायब हो गई. ये बाइक मुगलसराय स्टेशन के रास्ते से गायब हुई. एक आरटीआई हालांकि रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने कुछ दिन बाद बाइक को बरामद करने का दावा किया है.

बाइक ही नहीं चलती ट्रेन से यह सामान भी हुआ चोरी

बाइक सिर्फ चलती ट्रेन से ही चोरी नहीं हुई है. स्टेशन पर बने पॉर्सल घर से भी एक बाइक चोरी जा चुकी है. इतना ही नहीं एक साथ घी के 30 कनस्तर भी चोरी हो चुके हैं. जबकि स्टेशन पर हर वक्त इंडियन रेलवे के पुलिसकर्मी गश्त करते हैं. अब अगर सिर्फ चलती ट्रेन की बात करें तो पालक्कड डिविजन से 2 साइकिल, बिलासपुर इलाके में 3 फ्रिज, 21 बंडल इंसानी बाल तक चोरी जा चुके हैं. पश्चिम बंगाल इलाके की बात करें तो वहां एक बार में 200 से 500 किलो तक गुटखा और पान मसाला चोरी हो रहा है.

चलती ट्रेन से चोरी पर क्या बोला रेल मंत्रालय

आरटीआई के जवाब में रेल मंत्रालय ने चलती ट्रेन से चोरी होने पर बताया है कि रेलों पर पुलिस की व्यवस्था राज्य सरकार का विषय है. चलती ट्रेन में अपराधों को रोकना और उसकी रिपोर्ट दर्ज करना उनका काम है. लेकिन आरपीएफ उनकी मदद भी करता है. मंत्रालय के अनुसार 2009 से 2018 तक 4293 मामले चलती ट्रेन में चोरी के दर्ज किए जा चुके हैं. 21.19 करोड़ का माल हो चुका है चोरी. और चलती ट्रेन में सबसे ज्यादा चोरी सेंट्रल, नॉर्थ और ईस्ट फ्रंटियर रेलवे ज़ोन में हो रही हैं. वहीं एक और खुलासा करते हुए मंत्रालय ने बताया कि चलती ट्रेन में चोरों के निशाने पर सबसे ज्यादा रेडीमेड गारमेंट्स और इलेक्ट्रोनिक सामान रहता है.

आरटीआई में मांगी गई थी यह जानकारी

हाल ही में रेल विभाग में एक आरटीई दाखिल की गई थी. आरटीआई के माध्यम से जानकारी चाही गई थी कि चलती ट्रेन की लगेज बोगी से कितना सामान चोरी होता है. वहीं रेल स्टेशन पर बने पॉर्सल घर से कितना सामान चोरी होता है. बीते 10 साल में कितनी रकम का कितना सामान चोरी गया और कितना बरामद हुआ. सामान चुराने वाले कितने लोग पकड़े गए. इतना ही नहीं आरटीआई में यह जानकारी भी चाही गई थी कि किस तरह का सामान चोरों के निशाने पर होता है और रेलवे के किस इलाके में चलती ट्रेन से सबसे ज्यादा सामान चुराया जाता है.