Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ – डोंगरगढ़ में बनेगा सोलर पॉवर हब हर साल 200 मेगावॉट...

छत्तीसगढ़ – डोंगरगढ़ में बनेगा सोलर पॉवर हब हर साल 200 मेगावॉट ज्यादा बिजली…




IMG-20240704-WA0019
IMG-20220701-WA0004
WhatsApp-Image-2022-08-01-at-12.15.40-PM
1658178730682
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.50-PM
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.48-PM

थर्मल पावर की तरह सौर ऊर्जा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को हब बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। यह पॉवर हब डोंगरगढ़ के पास स्थापित होगा। राज्य विद्युत मंडल व क्रेडा दोनों ही एनटीपीसी के सहयोग से 2000 करोड़ निवेश करने जा रहे हैं। इनका लक्ष्य है कि अगले दो सालों में 500 मेगावाट बिजली इस हब में तैयार हो। इससे बिजली की कीमतें कम होने के आसार हैं। इसका सीधा फायदा राज्य के लोगों को मिलेगा। वैसे सरकार हर साल 200 मेगावाट अतिरिक्त सोलर एनर्जी पैदा करने की योजना पर पहले से ही काम कर रही है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ पहले से ही पॉवर सरप्लस राज्यों में शामिल है। अभी राज्य में वास्तविक मांग का पांच गुना बिजली बनाने की कैपेसिटी है। वितरण कंपनी के लगभग 5 हजार मेगावाट की मांग के विरूद्ध राज्य में 15 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है, जबकि इंस्टाल्ड केपेसिटी 22 हजार से 23 हजार मेगावाट है। इसमें 13 हजार मेगावाट थर्मल पॉवर, 485 मेगावाट सोलर एनर्जी, 272 मेगावाट जलविद्युत अाैर 234 मेगावाट बायोमास से उत्पादन हाे रहा है। छत्तीसगढ़ को सोलर पावर हब बनाने और इस बिजली को कम दर पर स्टोर करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों को छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए आमंत्रित किया गया है। फिलहाल, राज्य में राज्य में रिन्युएबल एनर्जी के जरिए 485 मेगावाट बिजली बन रही है। डोंगरगढ़ के नए पावर हब के लिए भूमि अधिग्रहण के साथ प्लांट्स के लिए टेंडर भी शुरू कर दिए गए हैं। इसमें सोलर और विंड एनर्जी के अलावा बायोमास प्लांट्स दोनों शामिल है। देश में जल्द ही सोलर और विंड एनर्जी के द्वारा 30 हजार मेगावाट बिजली पैदा करने की इंस्टाल्ड केपेसिटी होगी। क्रेडा के सीईओ आलोक कटियार ने कहा कि राज्य में रिन्युएबल एनर्जी खासकर सोलर एनर्जी अाैर बायाेमास की अपार संभावनाएं है। स्टोरेज कैपेसिटी बढ़ाकर रिन्युएबल एनर्जी से ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जा सकता है।

छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनी के चेयरमैन शैलेंद्र शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य को अफोर्डेबल एनर्जी की दिशा में ले जाना चाहते हैं। इसके लिए सोलर और विंड एनर्जी के स्टोरेज दर को थर्मल पॉवर से कम करने की कोशिश है। इसके लिए 4 रुपए प्रति यूनिट की दर पर सोलर एनर्जी को स्टोर करने और बेहतर तकनीक के लिए एमओयू करने की कोशिश की जा रही है। आने वाले समय में सोलर और विंड एनर्जी को थर्मल पॉवर से कम दर में स्टोर किया जा सकेगा। 
रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में राज्य में भी बहुत जल्द बदलाव नजर आने लगेगा, खासकर सोलर एनर्जी के क्षेत्र में। हम 500 मेगावाट के प्लांट लगाने जा रहे हैं। सारी प्रक्रिया अंतिम चरण में है।