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नकली नोटों के चलन को रोकने के लेकर शुरू हुई हाई लेवल मीटिंग! जानिए पूरा मामला…

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देश में नकली नोट (Fake Currency) के चलन को रोकने के लिए सरकार (Modi Government) फुल एक्शन में आ गई है. इसको लेकर एक अहम बैठक सबऑर्डिनेट लेजिस्लेशन समिति राज्यसभा के चेयरमैन ले रहे है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में RBI के डिप्टी गवर्नर बीपी कानूनगो, वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार, पीएनबी (Punjab National Bank), ओबीसी Oriental Bank of Commerce), इलाहाबाद बैंक (Allahabad Bank) के एमडी मौजूद है. आपको बता दें कि नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए (National Investigation Agency) ने कहा है कि भारत में बिल्कुल असली नोट की तरह जाली नोट फिर से आ गए हैं. NIA के अनुसार जाली नोटों का मुख्य स्रोत पाकिस्तान है.

क्या है मामला

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए (National Investigation Agency) के मुताबिक पाकिस्तान भारत में नकली नोटों की सप्लाई कर रहा है. >> पाकिस्तान बिल्कुल असली दिखने वाले नोट भारत के बाजारों में फैला रहा है. दिवाली से पहले भारतीय बाजारों में नकली नोटों की तादात कई गुना बढ़ गई है.

 NIA के अनुसार जाली नोटों का मुख्य स्रोत पाकिस्तान है. पाकिस्तान भारतीय बाजार नकली 500 और 2000 रुपए के नोट सप्लाई कर रहा है.

आपको बता दें कि हाल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बताया है कि बाजार में सबसे ज्‍यादा 500 रुपए के नकली नोट चल रहे हैं. >> वहीं 2000 रुपए के जाली नोटों में 21.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. RBI की रिपोर्ट के मुताबिक 500 रुपए के नोट की जालसाजी में वित्त वर्ष 2018-19 में पिछले साल की तुलना में 121 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

आरबीआई की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, 2018-19 के दौरान बैंकिंग सेक्टर में जब्त कुल फेक इंडियन करेंसी नोट (FICN) में से 5.6 फीसदी की रिजर्व बैंक और 94.4 फीसदी की अन्य बैंकों ने पहचान की थी.

 रिजर्व बैंक नए नोटों को चरणबद्ध तीरके से पुराने नोटों की जगह लेने के लिए लाया था. उस वक्त यह दलील दी गई थी कि पुरानों नोटों की नकल करने का खतरा ज्यादा है. इसके तुरंत बाद नवंबर 2016 में नोटबंदी हुई थी.