Home लाइफस्टाइल डिप्रेशन में हैं या नहीं, इन 7 लक्षणों से पता लगाएं

डिप्रेशन में हैं या नहीं, इन 7 लक्षणों से पता लगाएं




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 आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी को भी शांति से दो पल बैठने का समय नहीं मिल पाता है। जीवन की समस्याओं पर चर्चा करने के लिए भी परिवार के सदस्यों के पास समय नहीं होता है। यही कारण है कि अगर कोई किसी परेशानी से जूझ रहा है, तो वह उसे हल करने के बजाय अंदर ही अंदर घुटता रहता है। और इसी वजह से डिप्रेशन जैसी बीमारी उसे हो सकती है।

मानसिक स्वास्थ्य और डिप्रेशन जैसे विषयों पर आजकल काफी चर्चा हो रही है। कोई भी शख्स छोटी सी परेशानी आने पर यह कहने से नहीं चूंकता कि वह डिप्रेशन में है। लेकिन जरूरी नहीं है कि चिंता से पीड़ित हर शख्स डिप्रेशन का शिकार हो गया हो। डिप्रेशन के कई लक्षण हो सकते हैं। यहां तक कि अगर आपको इस बात का पता लगाना है कि आप या फिर आपका कोई साथी डिप्रेशन में हैं, तो व्यवहार में आने वाले इन लक्षणों के बारे में जरूर जान लें।

पहला- स्कूल और काम पर ना जाना

डिप्रेशन का मुख्य कारण होता है स्कूल और काम पर नहीं जाना। ऐसा शख्स कई तरह की गतिविधियों से बचने की कोशिश करता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि डिप्रेशन उस शख्स की सारी ऊर्जा और सारा समय ले लेती है।

दूसरा- एनर्जी ना होना

डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति की एनर्जी (ऊर्जा) का स्तर इस बीमारी से इतना नीचे पहुंच जाता है कि उसे बिस्तर से उठना भी मैराथॉन में दौड़ लगाने के बराबर लगता है। ऐसा इंसान किसी से घुलमिल नहीं पाता है और सोने में भी परेशानी का सामना करता है।

तीसरा- बहुत कम या बहुत अधिक खाना

डिप्रेशन का आम लक्षण होता है बहुत कम खाना या बहुत अधिक खाना। इससे वजन में भी काफी अंतर आ जाता है। या तो वजन काफी बढ़ जाता है या फिर काफी कम हो जाता है। कई बार अगर डिप्रेशन शुरुआती चरण में होता है तब भी वजन में ऐसे बदलाव देखने को मिलते हैं।

चौथा- सोते समय परेशानी होना

डिप्रेशन से पीड़ित 80 फीसदी लोगों को एक अच्छी नींद लेने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर आपके जानने वाले किसी शख्स को नींद नहीं आती है तो हो सकता है कि वह भी इस बीमारी से पीड़ित हो।

पांचवां- नशा करना

डिप्रेशन, तनाव और अन्य मानसिक बीमारियों का सामना करने वाले लोग आमतौर पर नशा करते हैं। ये लोग अपनी परेशानी को भुलाने के लिए शराब और ड्रग्स का नियमित तौर पर सेवन करने लगते हैं।

छठा- नकली भावनाएं

डिप्रेशन से पीड़ित अधिकतर लोग ये स्वीकार ही नहीं करते कि उन्हें डिप्रेशन है। दूसरों के साथ समय बिताते समय ये लोग बहुत खुश होने का नाटक करते हैं। और जब भी कोई इनसे पूछता है कि इनका जीवन कैसा चल रहा है तो ये साफ तौर पर अपने जीवन के बारे में नहीं बताते और अस्पष्ट उत्तर देते हैं।

सातवां- बहुत ज्यादा काम करना

शायद आपने ऐसा कभी नहीं सोचा होगा कि अधिक काम करना भी डिप्रेशन का एक लक्षण हो सकता है। लेकिन कई लोग अपनी भावनाओं को छिपाने और संबंधित परेशानी से दूर भागने के लिए खुद को काम में डुबा देते हैं।