Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ : जोगी पर FIR के खिलाफ पेश याचिका में सुनवाई बढ़ी

छत्तीसगढ़ : जोगी पर FIR के खिलाफ पेश याचिका में सुनवाई बढ़ी




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हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ जाति मामले में सिविल लाइन थाने में दर्ज एफआइआर के खिलाफ पेश याचिका में सुनवाई आगे बढ़ा दी गई है। कोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए आठ नवंबर को रखने का आदेश दिया है। उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति की रिपोर्ट आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ कलेक्टर बिलासपुर के निर्देश पर तहसीलदार ने सिविल लाइन थाने में फर्जीवाड़ा कर जाति प्रमाण पत्र बनवाने की रिपोर्ट दर्ज कराई है।

इसके खिलाफ अजीत जोगी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में दर्ज एफआइआर को रद करने की मांग की गई है। सोमवार को याचिका को सुनवाई के लिए कोर्ट में रखा गया। कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए आठ नवंबर को रखने का आदेश दिया है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में कोर्ट ने एफआइआर पर रोक लगाने पेश आवेदन को खारिज किया है।

पूर्व सीएम डॉ.रमन सिंह के प्रमुख सचिव की पत्नी के खिलाफ जांच पर रोक

हाई कोर्ट ने पूर्व सीएम डॉ.रमन सिंह के प्रमुख्ा सचिव रहे अमन सिंह की नृत्यांगना पत्नी को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में संविदा नियुक्ति दिए जाने की जांच पर रोक लगाई है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह की पत्नी यास्मीन सिंह को 2005 लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत संचार एवं क्षमता इकाई में संचालक प्रचार-प्रसार एवं क्षमता वर्धन के पद में संविदा नियुक्ति दी गई।

इन्हें प्रतिमाह 35 हजार रुपये मानदेय दिया जा रहा था। बाद में गोपनीय तरीके से उन्हें दिसंबर 2018 तक उनकी संविदा नियुक्ति बढ़ाई गई। इसके साथ मानदेय राशि 35 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई थी। मामले में कांग्रेस नेता विकास तिवारी ने शिकायत की। इसमें कहा गया कि यास्मीन सिंह कथक नृत्यांगना हैं। उन्हें सरकारी कार्य का कोई भी अनुभव नहीं है। उन्होंने ज्यादा समय देश-विदेश में नृत्य प्रस्तुत की है।

पीएचई में उनके अवकाश व उपस्थिति के संबंध में कोई रिकॉर्ड नहीं है। राज्य शासन ने शिकायत पर यास्मीन सिंह के खिलाफ जांच प्रारंभ की है। इसके खिलाफ उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसमें कहा गया कि उन्हें सरकार ने संविदा नियुक्ति दी थी।

नृत्यांगना होने के कारण उन्हें आमंत्रण दिया जाता था। इसके लिए मानदेय का भुगतान किया गया है। इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं है। जस्टिस गौतम भादुड़ी ने सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता यास्मीन सिंह के खिलाफ चल रही जांच पर रोक लगा दी है।