दिवाली में प्रदेश के कर्मचारियों की खुशियों पर ग्रहण लग सकता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिवाली के पहले सभी जिला कोषालय अफसरों को वेतन भुगतान के निर्देश दिए थे, ताकि कर्मचारियों को त्योहार में पैसों की कमी से दो-चार न होना पड़े। रायपुर जिला कोषालय की तरफ से कवायद तो शुरू हुई, लेकिन सर्वर बार-बार धोखा दे रहा है। बुधवार को कई बार सर्वर डाउन हुआ। इसकी वजह से वेतन व भत्ता बिल फंस गए। कारण था कि एक ही सर्वर पर सभी 27 जिलों के कोषालय द्वारा काम किया जा रहा है, लोड बढ़ा तो सर्वर डाउन हो गया।
राज्य सरकार ने कर्मचारियों को बड़ी सौगात देते हुए सातवां वेतनमान की दूसरी किस्त देने के एलान के साथ-साथ 24-25 अक्टूबर को ही कर्मचारियों व शिक्षकों के वेतन जारी करने का एलान किया था। इसके बाद से कर्मचारियों व अधिकारियों के वेतन व भत्तों का बिल विभागों द्वारा ट्रेजरी पहुंचाया जाना शुरू हो गया।
बुधवार को दिन भर हंगामा मचा रहा, शाम को कोषालय अफसरों की तरफ से कहा गया कि सर्वर ठीक काम कर रहा है, वेतन समय पर खातों में पहुंच जाएगा। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय झा ने बताया कि बिल पास नहीं हो पा रहे हैं। यही लग रहा है कि न तो सांतवें वेतनमान के एरियर्स का भुगतान हो पाएगा और न ही कर्मचारियों व शिक्षकों को वेतन मिल पाएगा।
देर शाम तक 80 फीसद बिल जमा हो गए थे- जानकारी के मुताबिक हर जिला कोषालय के सर्वर डाउन होने बाद भी देर शाम तक 80 फीसद से ज्यादा कर्मचारियों के एरियर्स व वेतन के बिल जमा किए जा चुके थे। जिला कोषालय अधिकारी रवि नेताम का कहना है कि सुबह सर्वर स्लो था, लेकिन अब ठीक चल रहा है। हमारी कोशिश है कि सब को जल्द से जल्द वेतन मिल जाए।