आजकल स्मार्टफोन हर किसी के पास आसानी से मिल जाता हैं। और अंधेरे में स्मार्टफोन देखते रहने की लत आपकी आंखों के लिए घातक साबित हो सकती है। रात के समय ज्यादातर बच्चे अंधेरे में स्मार्टफोन देखते है, पेरेंट्स के मना करने के बाद भी वह नहीं हटते है। हाल में हुई रिसर्च के अनुसार बच्चों में आई स्ट्रोक और आंखें टेढी होने का खतरा अधिक बढ़ रहा है। हाल ही में चीन के एक व्यक्ति की आंखों की रोशनी स्मार्टफोन देखने की आदत के कारण चली गयी।
जानकारी के के अनुसार चीन के डॉक्टरों ने दावा किया है कि इससे आई स्ट्रोक और बच्चों में आंखें टेढ़ी होने का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टरों के अनुसार रात को सोने के वक्त देर तक स्मार्टफोन देखने की वजह से इस व्यक्ति को आई स्ट्रोक हुआ और एक झटके में उसकी आंखों की रोशनी चली गई। पीड़ित व्यक्ति का नाम वांग है और उसे अंधेरे में देर तक स्मार्टफोन पर वीडियो गेम खेलने की आदत थी।
लगातार बढ़ रहा बच्चों के चश्मे का नंबर-
मोबाइल फोन, टैब और लैपटॉप पर नजरें गड़ाए रहने से बच्चों की आंखों पर ज्यादा असर पड़ रहा है। इससे बच्चों की दूर की नजर कमजोर हो रही है। लगातार नजदीक से देखने के कारण आंखों पर जोर पड़ता है और उनमें रुखापन आ रहा है। इससे बच्चों की आंखें टेढ़ी होती जा रही हैं। उनके चश्मे का नंबर बढ़ रहा है।
रेटिना में नहीं पहुंचती ऑक्सीजन:
शानजी प्रांत के डॉक्टरों ने वांग में सेंट्रल रेटिनल आर्टिओकक्लूशन नामक बीमारी की पहचान की है। इस बीमारी को आई स्ट्रोक भी कहा जाता है। यह आंखों के रेटिना में ऑक्सीजन पहुंचाने वाली धमनियों के संकरा होने या अवरूद्ध होने की वजह से होती है। इससे दुनियाभर में दो करोड़ से ज्यादा लोग पीड़ित हैं।
खबर के अनुसार अमेरिकी डॉक्टरों का मानना है कि वांग को ओकक्युलर माइग्रेन का दौरा पड़ा होगा, जिससे अस्थायी तौर पर उसकी दृष्टि चली गई। ऐसा रेटिना या आंखों के पीछे के हिस्से में मरोड़ की वजह से होता है।
वहीं, वांग ने बताया कि वह अपनी दाईं आंख का इस्तेमाल अपने फोन को देखने के लिए कर रहा था और उसे कुछ शब्द दिखाई दे रहे थे और कुछ दिखाई नहीं दे रहे थे। उसके डॉक्टर ली ताओ ने कहा कि वांग की दृष्टि स्मार्टफोन के अत्यधिक इस्तेमाल की वजह से गई है, क्योंकि इससे उसकी दृष्टि पर अत्यधिक जोर पड़ रहा था। वांग ने स्वीकार किया कि उसे रात को अंधेरे में लंबे समय तक स्मार्टफोन पर वीडियो गेम खेलने की लत थी।
आई स्ट्रोक के लक्षण
दिमाग में होने वाले स्ट्रोक की तरह ही जब रेटिना तक पहुंचने वाले रक्त का प्रवाह रुक जाता है तब आई स्ट्रोक होता है।
आई स्ट्रोक से दृष्टि काफी कमजोर हो जाती है या फिर दिखना पूरी तरह से बंद हो जाता है।
बच्चों की दूर की नजर कमजोर हो रही है। लगातार नजदीक से देखने के कारण आंखों पर जोर पड़ता है।
आंखों में रुखापन आ रहा है। इससे बच्चों की आंखें टेढ़ी होती जा रही हैं. चश्मे का नंबर बढ़ रहा है।