Home जानिए यहाँ की कंपनियों ने महिला कर्मचारियों के चश्मा पहने पर लगाया बैन,...

यहाँ की कंपनियों ने महिला कर्मचारियों के चश्मा पहने पर लगाया बैन, वजह कर देगी हैरान




IMG-20240704-WA0019
IMG-20220701-WA0004
WhatsApp-Image-2022-08-01-at-12.15.40-PM
1658178730682
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.50-PM
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.48-PM

 अगर आपकी आंखे कमजोर हैं तो आप बिना चश्में के एक सेकेंड भी नहीं रह पाते होंगे, ऑफिर में कई ऐसे लोग होते हैं जो बिना चश्मा पहने काम नहीं कर पाते। कुछ लोग सिर्फ ‘कूल’ और आकर्षक दिखने के लिए चश्मा पहनते हैं लेकिन क्या आप कभी ऐसी कंपनी में काम करना चाहेंगे जहां चश्मा पहने पर बैन हो। जी हां, आज हम आपको जापान की ऐसी ही एक कंपनियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने अपने महिला कर्मचारियों के चश्मा पहनने पर पाबंदी लगा दी है।महिला कर्मचारियों पर पाबंदी
महिला कर्मचारियों पर लगी पाबंदी

मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के मुताबिक जापान की एक नहीं बल्कि कई कंपनियों ने महिलाओं के चश्मा पहने पर बैन लगा दिया है। एक संस्थान में महिला रिसेप्शनिस्ट को काम पर चश्मा पहन कर आने से मना कर दिया गया जबकि उनके साथी पुरुष कर्मचारी को इसकी अनुमती दी है। इसके पीछे कपनी ने यह तर्क दिया कि काम पर महिलाओं के चश्मा पहनने से उनकी सुन्दरता पर प्रभाव पड़ता है और कंपनी के क्लाइंट्स पर इसका गलत प्रभाव पड़ता है।

मेकअप अनिवार्य
महिलाओं के लिए मेकअप अनिवार्य

जापान की ही एक दूसरी कंपनी ने अपने ऑफिस में चश्मा बैन करने के अलावा महिलाओं का मेकअप करके आना अनिवार्य कर दिया है। इसके अलावा कंपनी ने अपनी महिला कर्मचारियों को शख्त निर्देश दिया है कि वह अपना वजन कम करें और आकर्षक बन कर रहें। महिला कर्मचारियों के चश्मे पर बैन लगने के बाद यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। कई महिलाओं ने सोशल मीडिया पर इसके खिलाफ कड़ा विरोध जताया है। जापान के सोशल मीडिया पर #glassesareforbidden ट्रेंड कर रहा है।

हाई हील के विरोध में चला अभियान
हाई हील के विरोध में चला था अभियान

जापान में जश्मा बैन होने जैसा मामला पहला नहीं है इससे पहले जापानी कंपनियों ने महिला कर्मचारियों के ऊंची एड़ी की सैंडिल पहन कर कार्यालय आना अनिवार्य कर दिया था। इसके खिलाफ कई महिलाएं सोशल मीडिया कैंपेन #kutoo से जुड़ीं और विरोध दर्ज कराया। मामला बढ़ता देख जापान के श्रम मंत्रालय ने एक नियम बनाया जिससे कंपनियों की ऐसी मनमानी पर रोक लगाया जा सका।