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आपका Credit-Debit Card सुरक्षित नहीं, 25 हजार कार्ड का Data Online लीक, बचने के लिए करें ये उपाय…




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बढ़ते डिजिटलाइजेशन के दौर में आमजन ने केस के बजाय ऑनलाइन पैसे के लेन देन पर फोकस किया. मकसद लूट खसोट की घटनाओं को कम करना,भ्र्ष्टाचार को रोकना है. मगर डकैतों से बड़ा डकैत के रूप में साइबर ठग पैदा हो रहे हैं. वजह साफ है यदि आप अपने क्रेडिट और डेबिट कार्ड को सुरक्षित मानते हैं तो धोखे में मत रहिये. राजस्थान में करीब 25 हजार क्रेडिट और डेबिट कार्ड का डाका ऑनलाइन लीक है. हैकर्स डाटा चुराकर कई वेबसाइट्स को 5से 30 डॉलर में बेचा जा रहा है. कैसे हो रहा डाटा लीक? कैसे आपकी गाढ़ी कमाई पर नजर गढ़ाये हैं आधुनिक डकैत?

यदि आप अपने क्रेडिट और डेबिट कार्ड को सुरक्षित मानते हैं तो धोखे में मत रहिए. क्योंकि प्रदेश के करीब 20 से 25 हजार क्रेडिट और डेबिट कार्ड का डाटा
ऑनलाइन लीक है. हैकर्स ने इन डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स का डाटा एटीएम और स्वाइप मशीन पर स्कीमर के जरिए चुराकर मि.वाइट और अन्य वेबसाइट्स पर 5 से 30 डॉलर में बेचा जा रहा है. इन वेबसाइट्स पर जयपुर, बीकानेर, उदयपुर, जोधपुर, अजमेर सहित अन्य शहरों के उपभोक्ताओं के क्रेडिट, डेबिट कार्ड्स जानकारी लीक है.

हैकर्स एटीएम और स्वाइप मशीन पर स्कीमर लगाकर पहले इन कार्ड्स की जानकारी जुटाते हैं. इसके बाद मि. वाइट जैसी अन्य वेबसाइटस जो कि इस तरह का डाटा खरीद फरोख्त का प्लेटफार्म है. वहां डम्प फाइल बनाकर अपलोड करते है. साइबर क्रिमिनल्स का यह डाटा बिटक्वाइन में खरीदकर इंटरनेशनल पेमेंट गेटवे पर यूज कर मनी फ्राड को अंजाम देते हैं. कई इंटरनेशनल वेबसाइट ऐसी है जहां डेबिट और क्रेडिट कार्ड यूज करने के दौरान ओटीपी की जरूरत नहीं होती है. सिर्फ कार्ड एक्सपायरी डेट, कार्ड और सीवीवी नम्बर से पेमेंट हो जाता है. कुछ साइबर अपराधी इस डाटा के जरिए कार्ड क्लोनिंग कर एटीएम से पैसा निकाल लेते हैं.

ऐसी वेबसाइट्स जो डाटा खरीद फरोख्त करती हैं, वहीं साइबर अपराधियों को मनी फ्रॉड करने के लिए कार्ड क्लोनिंग और स्कीमर का तरीका भी बताते हैं. ये वेबसाइट्स कार्ड की सीवीवी, कार्ड नम्बर और एक्सपायरी डेट के साथ-साथ बैलेंस जानकारी भी देती है. ऑनलाइन डाटा लीक से बचने का तरीका यह है कि यदि उपभोक्ता इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन नहीं करता है तो इसकी लिमिट बंद कर दे. डोमेस्टिक यूज में भी एक लिमिट तय करवाएं. इसके अलावा सरकार ऐसी वेबसाइट्स को बैन करें.साइबर अपराधी डेबिट-क्रेडिट कार्ड्स को बेचने-खरीदने के लिए बिटक्वाइन का इस्तेमाल करते हैं. यह ट्रैस नहीं होने वाली मुद्रा है.

ठगी से बचने के तरीके

1. इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन नहीं करते है तो इसकी लिमिट बंद कर दें.
2. डोमेस्टिक यूज में भी लिमिट तय करवाएं.
3. ऑनलाइन ट्रांजेक्शन नहीं करते तो इसको भी बंद करवा सकते हैं.
4. केवल एटीएम से पैसे निकलने की परमिशन रखें. अपना पिन नंबर हर तीन महीने में बदलें.

किस शहर का कितने कार्ड्स का डाटा लीक

जयपुर 8 से 10 हजार
अजमेर 800 से 1000
जोधपुर 2000 से 2500
उदयपुर 1000 से 1500
बीकानेर 600-800