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किसान के बेटे हैं IPS शिवदीप लांडे, गरीबों को दान कर देते हैं अपनी आधी सैलरी…




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देश की बागडोर असल मायने में अफसरों के हाथ में होती है। यदि नौकरशाही दुरुस्त हो तो कानून-व्यवस्था चाकचौबंद रहती है। जिस तरह से भ्रष्टाचार का दीमक नौकरशाही को खोखला किए जा रहा है, लोगों का उससे विश्वास उठता जा रहा है। लेकिन कुछ ऐसे भी IAS और IPS अफसर हैं, जो अपनी साख बचाए हुए हैं। पेश है ऐसे ही IPS अफसर शिवदीप वामन लांडे की कहानी।

महाराष्ट्र के अकोला जिले के परसा गांव में एक किसान परिवार में जन्मे लांडे 2006 बैच के IPS अफसर हैं। वह दो भाइयों में से बड़े हैं। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने मुंबई में रहकर UPSC की तैयारी की थी। इसके बाद उन्होंने भारतीय राजस्व विभाग में भी नौकरी की थी। इसी बीच उनका UPSC में चयन हो गया।

शिवदीप की शादी महाराष्ट्र के मंत्री विजय शिवतारे की बेटी ममता से हुई है। एक दोस्त के घर पर आयोजित पार्टी में शिवदीप और ममता की पहली मुलाकात हुई। यह मुलाकात आगे चलकर पहले प्यार में बदल गई। इसके बाद दोनों ने 2 फरवरी 2014 को शादी कर ली। दोनों की एक बेटी भी है। ममता ने मुंबई में ही पढ़ाई किया है।

बिहार कैडर के अधिकारी लांडे की पहली नियुक्ति मुंगेर जिले के नक्सल प्रभवित जमालपुर में हुई थी। पटना में अपने कार्यकाल के दौरान अपनी अनोखी कार्यशैली की वजह से शिवदीप पूरे देश में मशहूर हो गए। लेकिन अपराधियों की आंखों में खटकने लगे। इसलिए उनका बार-बार ट्रांसफर किया जाता रहा। अब वह महाराष्ट्र वापस जाने की तैयारी कर रहे हैं।

पटना से जब उनका अररिया ट्रांसफर हो गया तो भी लोगों की दीवानगी उनके प्रति कम नहीं हुई है। लड़कियों के फोन और एसएमएस उनको आने लगे। इस पर शिवदीप का कहना है, ‘लोगों का भरोसा मुझ पर है, इसलिए वे मुझे फोन या एसएमएस करते हैं। मीडिया उन्हें ‘दबंग’ पुलिस अधिकारी की छवि जरूर दी है, लेकिन वह दबंग नहीं हैं।’

बताया जाता है कि शिवदीप लांडे अपनी ड्यूटी पर जितना सख्त नजर आते हैं, वह उतने ही विनम्र हैं। वह अपनी सैलरी का 60 फीसदी हिस्सा एनजीओ को दान कर देते हैं। इसके अलावा कई सामाजिक कार्यों में भी वह सहयोग करते हैं। उन्होंने कई गरीब लड़कियों की सामूहिक शादी भी करवाई है। लड़कियों की सुरक्षा के लिए काम किया है।

पटना कार्यकाल के दौरान शिवदीप ने मनचलों पर को खूब सबक सिखाया। लड़कियां खुद को सुरक्षित महसूस करने लगी थी। छात्राओं के मोबाइल में उनका नंबर जरुर होता था। एक बार पटना में शहर के बीचो-बीच तीन श’राबी एक लड़की को छेड़ रहे थे। उसने शिवदीप को फोन किया। उन्होंने लड़की को बचाकर मनचलों को गिरफ्तार कर लिया।

रोहतास कार्यकाल के दौरान शिवदीप ने खनन माफियाओं की नींद उड़ा दी थी। फिल्मी अंदाज में उन्होंने खुद जेसीबी चलाकर अवैध स्टोन क्रेशरों को नष्ट करना शुरू किया तो माफियाओं में हड़कंप मच गया। इस अभियान के बाद उनका ट्रांसफर कर दिया गया। लेकिन वह जहां भी रहते हैं, अपरा’ध से समझौता नहीं करते हैं।