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पैदल घूमकर मोहम्मद फैज सुना रहे गोकथा, गाय पर उपन्यास पढ़ छोड़ी थी नौकरी…




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छत्तीसगढ़ के मोहम्मद फैज गो संरक्षण के लिए पद यात्रा पर निकले हैं। वे इस दौरान पूरे देश को गो संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। लेह से कन्याकुमारी तक की यात्रा वे पूरी कर चुके हैं। अब कन्याकुमारी से अमृतसर की पद यात्रा पर हैं। मोहम्मद फैज 14 हजार किमी. की पद यात्रा पर 24 जून 2017 को लेह-लद्दाख से निकले थे। यात्रा के दूसरे पड़ाव में वे पंजाब के राजपुरा पहुंचे हैं। आइए जानते हैं मोहम्मद फैज की प्रेरक कहानी…

मोहम्मद फैज की उम्र 38 साल है। वह छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के नयापारा के रहने वाले हैं। रायपुर के सूरजपुर डिग्री कॉलेज में राजनीति शास्त्र के प्रवक्ता रहे हैं। 2012 में गिरीश पंकज का लिखा उपन्यास ‘एक गाय की आत्मकथा पढ़ा’ बस उसी दिन से नौकरी छोड़ गाय की सेवा में लग गए। देश के कई हिस्सों खासकर मुस्लिम बहुल इलाकों में गोकथा से समाज को सद्भावना के संदेश देते हुए गो संरक्षण की शपथ दिलवाई।

उन्होंने कहा कि पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब ने कहा है कि गाय का दूध अमृत, मक्खन दवा और गोश्त बीमारी का घर है। इस देश की पहचान गाय से है, जो हमारे देश के लिए जरूरी है। खान ने बताया कि लेह से कन्याकुमारी और तमिलनाडु से अमृतसर तक उनकी 14 हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी होने वाली है। यात्रा में छत्तीसगढ़ से ही बाबा परदेसी राम साहू, चितौड़गढ़ से कैलाश वैष्णव, उतर प्रदेश बलिया से पीयूष राय, गाजीपुर से किशन राय भी उनके सहयोगी के तौर पर गाय रथ नामक गाड़ी पर उनके साथ चलते हैं।

इसके अलावा राष्ट्रीय गोरक्षा दल के अध्यक्ष सतीश कुमार और राष्ट्रवादी हिंदू नेता अशोक चक्रवर्ती सहित यात्रा के दौरान विभिन्न सामाजिक संगठन उन्हें भोजन और ठहरने की जगह मुहैया करवा देते हैं। लोग उन्हें बड़ी संख्या में कंबल भी भेंट करते हैं जो वह रास्ते में गरीब लोगों में बांटते देते हैं। फैज खान ने बताया कि वह गाय पर एक किताब लिख रहे हैं जो मुस्लिम समाज को जागरूक करने में सहायक सिद्ध होगी। वह अपनी अगली यात्रा बांग्लादेश में भी कर सकते हैं ताकि गोधन को बचाया जा सके।

पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य
फैज खान ने बताया कि पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य भारतीय देसी गोवंश की सेवा, संरक्षण एवं संवर्धन के लिए जनजागरण, देसी गो आधारित कृषि को प्रोत्साहित करना, देसी गोवंश के पर्यावरण, समाज, स्वास्थ्य एवं प्रकृति में महत्व को जन-जन तक पहुंचाना, गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध हेतु केन्द्रीय कानून बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों को जागृत करना, नदी संरक्षण, पौधरोपण, स्वच्छता, कन्या भ्रूण हत्या व नारी की गरिमा हेतु जन जागृति लाना, अखंड भारत का निर्माण व भारत के प्राचीन वैभव को स्थापित कर विश्वगुरु का दर्जा दिलाना है।