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केजरीवाल ने स्कूलों में लड़कों को दिलाई एक शपथ, लड़कियों से कहा पेरेंटस की मौजूदगी में भाइयों से करें बात…




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आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्‍ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महिला सुरक्षा के मुद्दे पर दिल्ली के सभी स्कूलों में कक्षा 6 से 12वीं तक के करीब 22 लाख छात्र-छात्राओं के साथ सोमवार सुबह चर्चा की। चर्चा वीडियो कांफ्रेंसिंग से की गई। इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने सभी छात्रों को महिला सम्मान की शपथ दिलाई। साथ ही सभी छात्राओं से अपने भाइयों को महिला सम्मान की शपथ दिलाने की अपील की, ताकि महिलाओं के प्रति उनकी सोच बदली जा सके। इस संबंध में केजरीवाल ने खुद ट्वीट कर जानकारी दी। उन्‍होंने कहा ”आज 22 लाख विद्यार्थियों के साथ महिला सुरक्षा के लिए एक अभियान शुरू किया गया। सीसीटीवी कैमरा और स्ट्रीट लाइटें भी लगाई जा रही हैं। लेकिन समाज की विचारधारा को बदलने की जरूरत है। हमें दिल्ली को ऐसी जगह बनाना होगा जहां महिलाएं रात में बाहर निकलने से डरे नहीं।”

केजरीवाल ने बताया, “लड़कों ने शपथ ली कि वे महिलाओं का सम्मान करेंगे, किसी लड़की के साथ दुर्व्यवहार या दुराचार नहीं करेंगे। सभी लड़कियां अपने घर जाकर अपने भाइयों को यही शपथ दिलाएंगी और कहेंगी कि वो अपने भाई से बहुत प्यार करती हैं, लेकिन अगर वो गलत काम करेगा तो हमेशा के लिए भाई से रिश्ता तोड़ लेंगी।”

ये दिलाई गई शपथ

मुख्यमंत्री ने शपथ दिलवाई- मैं शपथ लेता हूं कि मै हमेशा सभी महिलाओं की इज्जत करुंगा। कभी किसी लड़की से दूर्व्यवहार या दुराचार नहीं करुंगा। अगर कभी कोई महिला मुसीबत में होती है तो अपनी पूरी क्षमता से उनकी मदद करुंगा। वहीं सीएम ने कहा-अगर किसी को बचाते हुए किसी की जान भी चली जाए तो सीधे स्वर्ग जाओगे। मुख्यमंत्री ने सभी शिक्षकों से कहा कि वे लोग 26 दिसंबर को एक घंटा सबके साथ चर्चा करेंगे कि छात्र-छात्राओं के परिवार वालों की क्या प्रतिक्रिया रही।

कानून सख्त पालन करने के साथ सोच बदलने की भी जरूरत

इससे पहले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने छात्र-छात्राओं से संवाद करते हुए कहा कि जिस नजर से हम अपने घर की मां-बहनों को देखते हैं, वैसे ही सभी को अन्य लड़कियों को भी देखना चाहिए। कानून का सख्त पालन होना चाहिए. व्यवस्थाएं ठीक होनी चाहिए, लेकिन सिर्फ इससे ही काम नहीं चलने वाला है। इसे पूरी तरह रोकने के लिए हमें अपनी मानसिकता या सोच बदलनी चाहिए। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी गली या नुक्कड़ पर चार-पांच लड़के हैं और उनमें से एक भी लड़का किसी लड़की को कुछ गलत बोलता है, तो सभी लोग बदनाम होते हैं। सोच कर देखिए कि जब झुंड बना कर कोई हरकत करते हैं, तो वहां से गुजर रही लड़की पर क्या गुजरती होगी। हमें अपनी सोच बदलनी होगी। उस सोच को कानून से डराया जा सकता और शिक्षा से बदला जा सकता है। स्कूल स्तर से ही लड़के-लड़कियों से इस पर बात करनी चाहिए। बड़े होने के बाद उनकी सोच को बदलना आसान नहीं होता है।