नए साल की शुरूआत पर ही भारत के मित्र देश नेपाल ने धमदी दे दी है। नेपाल ने कहा है कि विवादित कालापानी इलाका उसका है और यदि भारत संबंध बेहतर बनाए रखना चाहता है तो इस मामले को जल्दी से निपटाया जाना चाहिए। नेपाल ने कहा है कि यह इलाका हमारे देश में आता है और दोनों देशों के बीच संबंधों की मधुरता को बनाए रखने के लिए इस विवाद को हल करने की जरूरत है।
नेपाल के राजदूत निलंबर आचार्य ने कहा है कि दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध बनाए रखने के लिए इस मसले को हल किया जाना चाहिए। जम्मू-कश्मीर राज्य के पुनर्गठन के बाद भारत की ओर से जारी नए राजनीतिक नक्शे के बाद कालापानी इलाके को लेकर नेपाल से मतभेद एक बार फिर से उभर आए हैं।
कालापानी इलाका भारत-नेपाल और चीन त्रिकोण पर स्थित है और भारत सरकार ने अपनी सीमा में दिखाया है। आचार्य ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच विवादों को हल करने के लिए सचिव स्तर का मेकेनिज्म रहा है और इसका यहां इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा है कि 1815 में हुई सुगौली संधी के अनुसार कालापानी इलाका नेपाल के हिस्से में आता है। नेपाल के नागरिकों की भी यही भावना है। नेपाल कालापानी के मुद्दे को छोटा नहीं मानता। यदि यह मसला हल होता है तो दोनों देशों के बीच भरोसा बढ़ेगा।