नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन जारी है। वहीं प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए दायर की गई याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि लोकतंत्र लोगों की अभिव्यक्ति से ही चलता है लेकिन इसकी एक सीमा है।
यदि हर कोई रोड ब्लॉक करने लगा तो ऐसे में कैसे चलेगा। इस टिप्पणी के बाद कोर्ट ने शाहीन बाग प्रदर्शकारियों से बात करने के लिए वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को जिम्मेदारी सौंपी।
कोर्ट ने दोनों वकील को बीच का रास्ता निकालने और प्रदर्शनस्थल बदलने के लिए मनाने को कहा है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने वकील को एक सप्ताह का समय दिया है। कोर्ट ने कहा कि अगर चाहे तो वजाहत हबीबुल्ला को अपने साथ ले सकते हैं। प्रदर्शनकारियों से चर्चा करने के बाद दोनों वकील इसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देंगे। वहीं मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी।