कोरबा (प्रतिनिधि )। दीपका नायब तहसीलदार ने अवैध रूप से खाद भंडारण करने वाले व्यवसायियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस कड़ी में तहसीलदार ने औचक निरीक्षण कर भारी मात्रा में संग्रहित यूरिया खाद जप्त किया है। जबकि जिस विभाग के अफसरों पर कार्रवाई की जिम्मेदारी है वे कृषि अधिकारी दफ्तरों में बैठे-बैठे निगरानी का दावा कर रहे है।
ग्राम छिंदपुर स्थित हुलेश कृषि केंद्र में स्टॉक से अधिक यूरिया भंडारण एवं शासकीय मूल्य से अधिक की राशि लेकर विक्रय की शिकायत पाए जाने भौतिक सत्यापन उपरांत 51 बोरी यूरिया उर्वरक नियंत्रक से जब्त करवाया है। इस कार्यवाई से खाद की कालाबाजारी करने वालों में हड़कम्प मचा है।
25 अगस्त को समयसीमा की बैठक में कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने जिले में रासायनिक खाद की संकट ,अवैध भंडारण ,तय दर से अधिक कीमत में बिक्री से संबंधित मीडिया में प्रकाशित खबरों को संज्ञान में लिया था। कलेक्टर ने रासायनिक खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए सभी निजी कृषि केन्द्रों और उर्वरक विक्रेता दुकानों का लगातार निरीक्षण करने के निर्देश कृषि अधिकारियों को दिए थे । कलेक्टर ने उर्वरक बेचने वाली दुकानों में भण्डारण-बिक्री का औचक सत्यापन करने के निर्देश सभी अनुविभागों के राजस्व अधिकारियों को भी दिए। उन्होंने कहा कि था कि किसानों को उर्वरक सही गुणवत्ता वाले और उचित दाम में मिलना चाहिए। उर्वरकों की कालाबाजारी करते पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश भी कलेक्टर ने बैठक में अधिकारियों को दिए थे ।लेकिन इन निर्देशों के बीच 1 सितंबर को उप संचालक कृषि जिले में कहीं भी ऐसी कोई शिकायत नहीं मिलने सब कुछ ठीक ठाक होने का दावा कर रहे थे। लेकिन गुरुवार को नायब तहसीलदार दीपका ने उनके इस दावों की पोल खोल दी। सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर छिंदपुर स्थित हुलेश कृषि केंद्र में छापामारी की। स्टॉक से अधिक यूरिया भंडारण एवं शासकीय मूल्य से अधिक की राशि लेकर विक्रय की शिकायत पाए जाने भौतिक सत्यापन उपरांत 51 बोरी यूरिया उर्वरक नियंत्रक से जब्त करवाया है। इस कार्यवाई से खाद की कालाबाजारी करने वालों में हड़कम्प मचा है। इस कार्यवाई में उर्वरक नियंत्रक कटघोरा राजेश भारती , कृषि विकास अधिकारी , हल्का पटवारी शिवलाल भगत शामिल रहे।
नहीं हो रही नियमित जांच
जिले में सैकड़ों निजी रासायनिक खाद विक्रेता व कीटनाशक विक्रेता हैं। जिनका नियमानुसार निर्धारित समयावधि में पंजीयन ,लाइसेंस व स्टॉक आदि का सत्यापन किया जाना चाहिए। पर जिले में कृषि विभाग इस कार्य मे फैल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों से इस तरह की सर्वाधिक शिकायतें आती रहती है। बावजूद कार्यवाई नहीं होने से विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठते रहते हैं। कृषि विभाग के पास पर्याप्त मैदानी अमला है बावजूद इसके विभाग की कार्यशैली सवालों के घेरे में रही है।