सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड यानी एसजीबी (Sovereign Gold Bond) के प्रीमैच्योर रिडेंप्शन के लिए दर 5,115 रुपये प्रति यूनिट तय की गई है. भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) ने एक बयान में यह जानकारी दी.
मैच्योरिटी से पहले भी भुना सकते हैं गोल्ड बॉन्ड
आरबीआई के निर्देशों के अनुसार, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का मैच्योरिटी पीरियड 8 साल है लेकिन लॉक इन पीरियड 5 साल है यानी गोल्ड बॉन्ड खरीदे जाने के 5 साल पूरे होने के बाद अगले ब्याज भुगतान की तिथि पर इसे प्रीमैच्योरली भुनाने की अनुमति दी जा सकती है. 17 नवंबर 2016 को जारी एसजीबी 2016-17 की तीसरी सीरीज की ड्यू डेट 17 मई, 2022 है.
आरबीआई ने एक बयान में कहा, ”17 मई, 2022 से पहले एसजीबी रिडेंप्शन के लिए प्रति यूनिट 5,115 रुपये का रिडेंप्शन वैल्यू होगा. यह मूल्य 9 से 13 मई के बीच सोने के बंद भाव के औसत के आधार पर है.”
बॉन्ड पर टीडीएस लागू नहीं होता
टैक्समैनेजर.इन के मुख्य कार्यकारी दीपक जैन ने बताया कि एसजीबी से अर्जित ब्याज पर अन्य स्रोतों से आय के रूप में टैक्स लगेगा जबकि बॉन्ड पर टीडीएस लागू नहीं होता.
क्या होता है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकारी सिक्योरिटीज हैं और यह फिजिकल गोल्ड का एक ऑप्शन हैं. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किया जाता है.
कहां से खरीद सकेंगे सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड?
गौरतलब है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सभी बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), डाकघर और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों, एनएसई (NSE) और बीएसई (BSE) के माध्यम से बेचे जाएंगे. बता दें कि स्माल फाइनेंस बैंक और पेमेंट बैंक में इनकी बिक्री नहीं होती है.
अधिकतम चार किलोग्राम मूल्य तक का बॉन्ड खरीदने की सीमा
उल्लेखनीय है कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्त वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 4 किग्रा गोल्ड के बॉन्ड खरीद सकता है. वहीं न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है. वहीं, ट्रस्ट या उसके जैसी संस्थाएं 20 किग्रा तक के बॉन्ड खरीद सकती हैं. बता दें आवेदन कम से कम 1 ग्राम और उसके मल्टीपल में जारी होते हैं.