Home देश शिपिंग और समुद्री उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए इनमेक्स एसएसएम इंडिया...

शिपिंग और समुद्री उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए इनमेक्स एसएसएम इंडिया एक्‍सपो पहली जून से




IMG-20240704-WA0019
IMG-20220701-WA0004
WhatsApp-Image-2022-08-01-at-12.15.40-PM
1658178730682
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.50-PM
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.48-PM

शिपिंग और समुद्री उद्योगों के लिए इनमेक्स एसएसएम इंडिया, एक्‍सपो पहली जून से 3 जून 2022 तक मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जा रहा है. यह आयोजन वैश्विक निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं के लिए 100 से अधिक ब्रांड्स के साथ दक्षिण एशियाई समुद्री बाजार में अपने अत्याधुनिक उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा. इस मौके पर स्मार्ट शिपिंग और कम कार्बन, जहाज निर्माण और भारत में उचित पारिस्थितिकी तंत्र समुद्री बीमा, बंदरगाह के अवसरों और भारत के समुद्री और शिपिंग क्षेत्र के परिवर्तन पर भी सेमिनार आयोजित किए जाएंगे.

केन्‍द्र सरकार लगातार लाजिस्टिक के लिए श‍िपिंग को बढावा दे रही है. इंफोर्मा मार्केट्स, इंडिया के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रा ने कहा कि दुनिया भर में बड़े माल के परिवहन के लिए शिपिंग सबसे अधिक लागत प्रभावी और टिकाऊ साधन है. आज विश्व का लगभग 90 फीसदी व्यापार समुद्री उद्योग द्वारा किया जाता है और यह मूल्य के मामले में भारत के लगभग 70 फीसदी व्यापार को संभालता है. इसके अलावा, भारत एक रणनीतिक रूप से स्थित देश है, जिसकी तटरेखा लगभग 7517 किमी है. प्रधानमंत्री द्वारा 2021 में शुरू किया गया सागर भारत विजन ने भारतीय समुद्री और जहाज निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 150 से अधिक पहल की हैं.

तीन दिवसीय आयोजन में भारतीय जहाज निर्माण, शिपयार्ड, फिटिंग और उपकरण, कार्गो हैंडलिंग सिस्टम, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग / इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रौद्योगिकी, बंदरगाहों और बंदरगाह प्रौद्योगिकी, महासागर इंजीनियरिंग, अपतटीय समुद्री प्रौद्योगिकी, नौसेना आयुध प्रणालियों और में मौजूदा व्यावसायिक अवसरों का लाभ उठाएगा. भारत में कई मौजूदा व्यापार बाजार अंतरराष्ट्रीय पेशेवरों को अवसर खोजने में मदद करेंगे.

भारतीय शिपिंग और समुद्री क्षेत्र लगभग 250 बिलियन डॉलर का है, अगले कुछ वर्षों में 10-12 फीसदी की कंपाउंड वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ने की उम्मीद है. शिपिंग क्षेत्र के विकास में तेजी लाने के लिए, सरकार सागरमाला कार्यक्रम, हजीरा-घोघा रोपेक्स फेरी, बंदरगाह विकास, मर्चेंट शिपबिल्डिंग बिल, जीएसटी कटौती और अंतर्देशीय शिपिंग जैसी कई पहल कर रही है