आर के एसोशिएट्स भारत गौरव ट्रेन में पैसा लगाएगा लेकिन ट्रेन का मैनेजमेंट आईआरसीटीसी के पास ही रहेगा. रेल मंत्रालय ने IRCTC को इसकी ज़िम्मेदारी दी थी.
धार्मिक यात्राओं को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही ‘भारत गौरव ट्रेन’ चलाई जाएगी. प्रधानमंत्री ने इसी साल देश के ऐतिहासिक स्थलों को दिखाने वाली ट्रेनों की सिरीज़ के रूप में भारत गौरव ट्रेन का एलान किया था. रेल मंत्रालय ने आईआरसीटीसी को इसकी ज़िम्मेदारी दी थी. आईआरसीटीसी ने एक प्राईवेट पार्टनर के रूप में अपने सबसे बड़े केटरिंग पार्टनर आर के एसोशिएट्स एंड होटलियर्स प्राईवेट लिमिटेड को चुना है.
भारत गौरव ट्रेनों की कड़ी में पहली ट्रेन भारत दर्शन के अंतर्गत चिन्हित रामायण सर्किट पर प्रभु श्रीराम के जीवन से जुड़े स्थलों का पर्यटन कराएगी. नेपाल स्थित जनकपुर मे राम जानकी मंदिर का भ्रमण भी ट्रेन टूर में शामिल होगा.
21 जून को सफ़दरजंग स्टेशन से चलेगी
21 जून को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से ‘भारत गौरव’ सिरीज़ की ये पहली ट्रेन 18 दिनों के टूर पर रवाना होगी. ये एक थर्ड एसी पर्यटक ट्रेन होगी. आईआरसीटीसी की भारत गौरव ट्रेन में एसी तृतीय श्रेणी के कुल 10 कोच यात्रियों के लिए होंगे जिसमें कुल 600 यात्री यात्रा कर सकेंगे. ये ट्रेन पर्यटकों को भगवान श्रीराम से जुड़े सभी महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों का भ्रमण व दर्शन कराएगी.
भोजन होगा शाकाहारी
इस पर्यटक ट्रेन में पैन्ट्री कोच की सुविधा होगी जिससे पर्यटकों को उनकी बर्थ पर ही शाकाहारी भोजन परोसा जाएगा. साथ ही इन्फोटेन्मेंट सिस्टम, सीसीटीवी कैमरा, सिक्युरिटी गार्ड इत्यादि की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाएगी. मेसर्स आर. के. एसोसिएटस् इस भारत गौरव ट्रेन के लिए आईआरसीटीसी के साथ सर्विस पार्टनर रहेगा. ताज़े पके भोजन व अन्य खाने पीने की सभी सुविधाओं का इंतज़ाम भी इस प्राईवेट पार्टनर का ही होगा.
यात्रा का प्रथम चरण : जाते समय
यात्रा का पहला पड़ाव भगवान राम का जन्म स्थान अयोध्या होगा जहां श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री हनुमान मंदिर व नंदीग्राम में भरत मंदिर का दर्शन कराया जाएगा. अयोध्या से रवाना होकर यह ट्रेन बक्सर जाएगी जहां श्री विश्वामित्र जी का आश्रम व रामरेखा घाट पर गंगा स्नान का कार्यक्रम होगा. यहां से ट्रेन सीतामढ़ी जाएगी जहां जानकी जन्म स्थान है. वहां से ट्रेन नेपाल के जनकपुर स्थित राम जानकी मंदिर का दर्शन कराने जाएगी.
यात्रा का दूसरा चरण : नेपाल से वापसी की यात्रा
नेपाल से लौटते समय ट्रेन का अगला पड़ाव भगवान शिव की नगरी काशी होगा जहां से पर्यटक बसों द्वारा काशी के प्रसिद्ध मंदिरों सहित सीता समाहित स्थल, प्रयाग, श्रृंगवेरपुर, व चित्रकूट की यात्रा करेंगे. इस दौरान काशी प्रयाग व चित्रकूट में रात्रि विश्राम होगा.
यात्रा का तीसरा चरण : रामेश्वरम, कांचीपुरम, भद्राचलम
चित्रकूट से चलकर यह ट्रेन नासिक पहुंचेगी जहां पंचवटी व त्रयंबकेश्वर मंदिर का भ्रमण किया जा सकेगा. नासिक के पश्चात प्राचीन किष्किंधा नगरी हंपी इस ट्रेन का अगला पड़ाव होगा जहां अंजनी पर्वत स्थित हनुमान जन्म स्थल व अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक व विरासत मंदिरों का दर्शन कराया जाएगा.
हम्पी के पश्चात रामेश्वरम इस ट्रेन का अगला पड़ाव होगा. रामेश्वरम में पर्यटकों को प्राचीन शिव मंदिर व धनुषकोडी का दर्शन लाभ प्राप्त होगा. रामेश्वरम से चलकर यह ट्रेन कांचीपुरम पहुंचेगी जहां शिव कांची, विष्णु कांची और कामाक्षी माता मंदिर का भ्रमण कराया जाएगा.
इस ट्रेन का अंतिम पड़ाव तेलंगाना राज्य में स्थित भद्राचलम होगा जिसे दक्षिण की अयोध्या के नाम से भी जाना जाता है. यह ट्रेन 18 वें दिन दिल्ली वापस पहुंचेगी. इस दौरान ट्रेन द्वारा लगभग 8000 किलोमीटर की यात्रा पूरी की जाएगी.
भारत गौरव ट्रेनों की थीम : देखो अपना देश
भारत गौरव पर्यटक ट्रेन, भारत सरकार की पहल “देखो अपना देश” के अनुरूप, घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही है.
टिकट की क़ीमत
आईआरसीटीसी ने इस 18 दिनों की यात्रा के लिए रु 62370/- प्रति व्यक्ति का शुल्क निर्धारित किया है. भुगतान के लिए कुल राशि को 3, 6, 9, 12, 18 व 24 महीनों की किश्तों मे पूरा किया जा सकेगा. इस टूर पैकेज की कीमत में यात्रियों को रेल यात्रा के अतिरिक्त स्वादिष्ट शाकाहारी भोजन, बसों द्वारा पर्यटक स्थलों का भ्रमण, एसी होटलों में ठहरने की व्यवस्था, गाइड व इंश्योरेंस आदि कि सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी. सरकार/पीएसयू के कर्मचारी इस यात्रा पर वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर पात्रता के अनुसार एलटीसी सुविधा का लाभ भी उठा सकते हैं.