Supertech Twin Tower Demolition Blast: सुपरटेक ट्विन टावर रविवार की दोपहर ढाई बजे यानी 02:30 बजे (28 अगस्त) गिरा दिए गए। नोएडा सेक्टर-93ए में अवैध तरीके से बनाई गई बिल्डिंग विस्फोट के जरिए ध्वस्त हो गईं। इसे गिराने में 3500 किलो विस्फोटक का प्रयोग किया गया। इसको लेकर सुरक्षा व्यवस्था भी मजबूत की गई। आसपास के रिहायशी इलाकों को खाली कराया गया। भारी पुलिस बल तैनात किया गया। यहां जानें सुपरटेक से जुड़े हर प्रकार का अपडेट…
ट्विन टावर ध्वस्त होते ही सफाई का काम चालू
सुपरटेक ट्विन टावर के ध्वस्त होने के बाद आसपास सोसायटी और सड़कों पर धूल और मलबा इकट्ठा हो गया है। सड़कों और फ्लैटों पर जमी धूल को हटाने का काम चालू हो गया है। सफाई प्रक्रिया को लेकर पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है। ताकि हवा में धूल न उड़े और प्रदूषण न हो।
सुपरटेक के टावर गिरने के बाद नोएडा की CEO रितु माहेश्वरी का आया बयान
नोएडा की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा कि टविन टावर के ध्वस्त होने से आस-पास की हाउसिंग सोसाइटियों को कोई नुकसान नहीं हुआ है। अभी कुछ मलबा सड़क की तरफ आया है। हमें एक घंटे में स्थिति का बेहतर अंदाजा हो जाएगा। प्रशासन की तरफ से पूरी तैयारी की गई है कि सोसायटी के निवासियों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो।
नोएडा सेक्टर 93 ए स्थित भ्रष्टाचार का टविन टावर धराशायी हो गया। लेकिन टविन टावर के आसपास के लोगों के सामने सबसे बड़ी समसया मलबे को लेकर है। क्योंकि 32 मंजिला इमारत ध्वस्त होने से करीब 55,000 से 80,000 टन तक मलबा जमा हो गया है।
टावर के ध्वस्त होने से आसमान में मलबे के धुएं का गुबार फैल गया था। स्थानीय लोगों के मुताबिक गुबार के कारण दिन का नजारा भी कुछ देर के लिए रात की तरह हो गया। हालांकि स्थिति को नार्मल होने में काफी समय लग गया। वहीं, प्रदूषण के स्तर की जांच के लिए मौके पर मशीनें लगाई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि प्रदूषण लेबिल की जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी।
अब बढ़ेंगी स्वास्थ्य चुनौतियां
सुपरटेक ट्विन टावर के ध्वस्त होने के बाद अब स्वास्थ्य चुनौतियां बढ़ेंगी। क्योंकि अब यहां से तीन महीने तक मलबा उठाया जाना है। टावरों के ध्वस्त होने से करीब 88000 हजार टन मलबा निकलेगा, जिस कारण इसका निस्ताकरण करते समय धूल उड़ेगी।
केरल के कोच्चि और मराडु में जनवरी 2020 में चार टावर होली फेथ एच 20, अल्फा सिरीन, जैन कोरल कोव व गोल्डन कायलओरम के ध्वस्तीकरण के बाद आसपास के लोगों को महीनों तक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हुई थीं। इसमें सिरदर्द, अस्थमा, अटैक, जुकाम, कफ और एलर्जी के कारण लोग कई सप्ताह तक परेशान रहे थे।
सुपरटेक ट्विन टावर विस्फोट होने के बाद मलबे में बदल गया। जिनमें एपेक्स टावर 32 मंजिल और 102 मीटर का ऊंचा था। वहीं, सियान 29 मंजिल का (करीब 95 ऊंचा) था। अब वहां सिर्फ मलबा ही दिख रहा है।