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नेता हो तो ऐसा, लोगों का प्यार इतना कि मरने के बाद भी चुनाव में जिता दिया देखें पूरी रिपोर्ट




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25 साल की आशिया बी अमरोहा के हसनपुर के लोगों के लिए खुशियां लाना चाहती थीं. उनके समर्थकों ने उन पर भरोसा भी किया. यहां तक ​​कि उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा कि मतदान से कुछ दिन पहले उनकी मृत्यु हो गई. उन्होंने तब भी उन्हें वोट डाला. हाल ही में हुए यूपी निकाय चुनावों में वह निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में खड़ी थीं. चुनाव के दौरान उनका स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ता गया और 20 अप्रैल को पेट में संक्रमण के कारण उनकी मृत्यु हो गई, लेकिन इसका चुनाव परिणाम पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ा. जब वोटों की गिनती हुई तो आशिया जीत चुकी थीं

लोगों ने क्या कहा?

हसनपुर के ही रहने वाले मोहम्मद जाकिर ने कहा, आशिया ने आसानी से दोस्त बना लिए और लोग उन्हें दिए गए समर्थन के वादे को तोड़ना नहीं चाहते थे और इसलिए इसका ये नतीजा निकला. उन्होंने कहा कि चुनाव के नतीजे परिणाम हैं कि लोग उनसे कितना प्यार करते थे. हसनपुर नगर पालिका में 30 से अधिक वार्ड हैं. आशिया ने 16 अप्रैल को हसनपुर नगरपालिका में वार्ड सदस्य (17) के पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया, जिसमें 2,000 से अधिक वोट हैं

मुंतजीब अहमद ने पिछले साल ही आशिया से शादी की थी और वह कस्बे में एक दूध डेयरी चलाते हैं. उन्होंने कहा कि वार्ड 17 से सदस्य का पद महिलाओं के लिए आरक्षित था. हालांकि उन्होंने पहले कभी चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया. लोगों की सेवा करने के लिए वह उनके पास पहुंची और अपने शांत व्यवहार से दिल जीत लिया

उन्होंने कहा कि अफसोस की इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई और वह अपने सपने को पूरा नहीं कर पाई. लेकिन लोगों ने फिर भी उन्हें वोट दिया. चुनाव के नतीजे उनके लिए उनके प्यार का सबूत हैं. उसी इलाके के एक अन्य मतदाता आरिफ ने कहा, आशिया ने अपनी उम्मीदवारी पर चर्चा करने के लिए हमारे क्षेत्र में एक बैठक की. हालांकि वह नौसिखिया थीं, लेकिन उनकी सादगी ने एक स्थायी छाप छोड़ी, यही वजह है कि हमने उनका समर्थन करने का फैसला किया. जब हमने उनके निधन की दुखद खबर सुनी तो यह हमारे लिए एक बड़ा झटका था

उन्होंने कहा, वह अब नहीं रहीं, लेकिन लोगों के प्रति उनके मिलनसार रवैये के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा. हमारा वोट उनके लिए एक श्रद्धांजलि है. हसनपुर के अनुविभागीय मजिस्ट्रेट अशोक कुमार ने कहा, आशिया एक निर्दलीय उम्मीदवार थीं. नामांकन के तुरंत बाद उनकी मृत्यु हो गई. उन्होंने कहा कि यहां पर पहले चरण के तहत 4 मई को वोटिंग हुई थी और उसे टाला नहीं जा सकता था. लोगों ने उनके पक्ष में वोट डाला और उन्होंने जीत दर्ज की. हमें नियमों का पालन करना होगा. अब उसी पद के लिए दोबारा चुनाव होगा