भूपेंद्र साहू।ब्यूरो चीफ बिलासपुर।
बिलासपुर : रेल प्रशिक्षण संस्थानों में युवाओं को प्रवेश स्तर का कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाने के लिए भारतीय रेलवे में “रेल कौशल विकास योजना” सितंबर, 2021 में प्रारम्भ की गई थी । इस योजना के माध्यम से देश के युवाओं को उद्योग आधारित कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिससे कि वह रोजगार प्राप्त करने में सक्षम बन रहे हैं । इस योजना के माध्यम से देश के युवा अपनी शिक्षा पूरी करके नि:शुल्क कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें हैं एवं नए उद्योगों में रोजगार के बेहतर अवसर पाने में सक्षम बन रहें हैं । यह योजना भारत के बेरोजगार युवाओं के लिए एक कौशल विकास कार्यक्रम है, ताकि वे अपनी रोजगार क्षमता और उद्यमिता को बढ़ाने के लिए विभिन्न व्यवसायों में तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान कर सकें । इस योजना के अंतर्गत 94 प्रशिक्षण स्थानों पर तकनीकी ट्रेडों जैसे इलेक्ट्रीशियन, वेल्डर, मशीनिस्ट, फिटर कम्प्युटर, कार्पेंटर आदि में प्रशिक्षण दिया जाता है । देश के किसी भी भाग से उम्मीदवार इस प्रशिक्षण में शामिल हो सकते हैं । उम्मीदवारों को प्रशिक्षण नि:शुल्क दिया जाता है । इस कार्यक्रम के समन्वय के लिए बनारस लोको वर्क्स, वाराणसी को नोडल एजेंसी बनाया गया है । दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में रेल कौशल विकास योजना के अंतर्गत अब तक 1080 से भी अधिक उम्मीदवारों को इलेक्ट्रीशियन, वेल्डर, मशीनिस्ट, फिटर कम्प्युटर, कार्पेंटर आदि ट्रेडो में नामांकित किया गया है और 800 से अधिक उम्मीदवारों ने सफलतापूर्वक अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है । दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर मण्डल के ईएलटीसी उस्लापुर, रायपुर मंडल के बेसिक ट्रेनिंग सेंटर/वैगन रिपेयर शॉप तथा नागपुर मंडल के मोतीबाग वर्क शॉप मे यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है । रेल कौशल विकास योजना का मुख्य उद्देश्य देश के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिससे देश के युवा रोजगार प्राप्त करने में सक्षम बन सके । इस योजना के माध्यम से देश के युवाओं का कौशल बढ़ेगा एवं वह आत्मनिर्भर भी बनेंगे । रेल कौशल विकास योजना के संचालन से देश की बेरोजगारी दर में भी गिरावट होगी । । यह योजना देश के नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार करने के लिए भी कारगर साबित होगी । इसके अलावा देश के युवा राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में भी भागीदार बनेंगे ।