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रजनेश सिंह बने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP), छत्तीसगढ़ सरकार ने जारी किया आदेश

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13 वर्षों की सेवा के बाद बड़ी पदोन्नति, सरकार ने संशोधित आदेश में दी पुष्टि

नक्सल विरोधी अभियानों से लेकर आतंकवादियों की गिरफ्तारी में अहम भूमिका

राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित हो चुके हैं रजनेश सिंह, 2012 बैच आईपीएस

रायपुर,- छत्तीसगढ़ शासन ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के तेजतर्रार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी रजनेश सिंह को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) के पद पर पदोन्नत कर दिया है। उनकी यह पदोन्नति 01 जनवरी 2025 से प्रभावी मानी जाएगी।

गृह (पुलिस) विभाग द्वारा हाल ही में 13 वर्षों की सेवा पूरी करने वाले आठ आईपीएस अधिकारियों को पदोन्नति प्रदान की गई थी। हालांकि, तकनीकी त्रुटियों के कारण इस सूची में 2012 बैच के आईपीएस अधिकारी रजनेश सिंह का नाम शामिल नहीं हो पाया था।

छत्तीसगढ़ शासन ने इस त्रुटि को संज्ञान में लेते हुए 18 मार्च 2025 को संशोधित आदेश जारी कर रजनेश सिंह को चयन श्रेणी वेतनमान (लेवल-13) में पदोन्नति प्रदान की है। उनके वेतनमान को Rs 1,23,100 – Rs 2,15,900 के स्तर पर स्वीकृत किया गया है। यह आदेश गृह (पुलिस) विभाग के सचिव हिम शिखर गुप्ता द्वारा जारी किया गया।

कॅरियर की शानदार उपलब्धियां
रजनेश सिंह वर्ष 1997 में राज्य पुलिस सेवा में उप पुलिस अधीक्षक (DSP) के रूप में चयनित हुए थे और वर्ष 2012 में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में शामिल हुए। उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए वर्ष 2017 में उन्हें राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था।

अपनी सेवा के दौरान उन्होंने रायपुर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, धमतरी, नारायणपुर, और वर्तमान में बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक के रूप में जिम्मेदारियां संभाली हैं।

नक्सल मोर्चे पर अहम भूमिका
बस्तर में पदस्थापना के दौरान उन्होंने कई अहम नक्सल विरोधी अभियानों का नेतृत्व किया और इन अभियानों में उनकी भूमिका को विशेष रूप से सराहा गया।

आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) में अपनी सेवाओं के दौरान उन्होंने बहुचर्चित पटना-बोधगया ब्लास्ट के आतंकवादियों की गिरफ्तारी में बड़ी भूमिका निभाई थी।

इसके अलावा, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) में रहते हुए उन्होंने कई हाई-प्रोफाइल भ्रष्टाचार के मामलों में प्रभावी कार्रवाई की, जिससे उनकी छवि एक सख्त, निडर और निष्पक्ष अधिकारी के रूप में बनी।

रजनेश सिंह की पदोन्नति उनके समर्पण, अद्वितीय नेतृत्व और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में प्रभावी कार्यक्षमता का प्रमाण है,” छत्तीसगढ़ पुलिस के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने द हितवाद से चर्चा में कहा। “उनकी उपलब्धियां नक्सल मोर्चे, संगठित अपराध पर नकेल कसने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में मिसाल बन चुकी हैं। यह पदोन्नति उनके बेहतरीन ट्रैक रिकॉर्ड का सशक्त प्रमाण है।”