Home छत्तीसगढ़ बिलासपुर हाईकोर्ट का फैसला, शादी से इंकार आत्महत्या के लिए बाध्य करना...

बिलासपुर हाईकोर्ट का फैसला, शादी से इंकार आत्महत्या के लिए बाध्य करना नहीं है




IMG-20240704-WA0019
IMG-20220701-WA0004
WhatsApp-Image-2022-08-01-at-12.15.40-PM
1658178730682
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.50-PM
WhatsApp-Image-2024-08-18-at-1.51.48-PM

बिलासपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट में गुरुवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान बड़ी टिप्पणी की। मामले में फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश ने कहा कि शादी करने से इंकार करना आत्महत्या के लिए बाध्य करना नहीं माना जा सकता। यदि शादी से इंकार करने पर कोई लड़की या लड़का आत्महत्या करता है, तो दूसरे पक्ष पर कोई मुकदमा नहीं हो सकता। ऐसे मामलों में यदि लड़की या लड़का आत्महत्या करते हैं, तो यह भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत दंडनीय अपराध का मामला नहीं माना जा सकता।

छत्तीसगढ़ के उच्च न्यायालय ने माना कि विवाह से इनकार केवल आत्महत्या के लिए उकसाने का कारण नहीं माना जा सकता। हाईकोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी दी गई। जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल ने दो वर्ष पूर्व हुई एक घटना से जुड़े मामले में यह फैसला दिया।

दरअसल दो वर्ष पूर्व धमतरी जिले के कोहका कोलियारी गांव की रहने वाली कुसुमलता नामकी युवती की शादी की बात मानसिंह नामक युवक से चल रही थी। इसी बीच लड़के वाले लड़की के घर उसे देखने आए। बाद में किन्हीं कारणों से लड़के वालों ने शादी के बाद इंकार कर दिया। इस बात से आहत होकर युवती ने आत्महत्या कर ली थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here