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छत्तीसगढ़ : बन गया बीपीएल कार्ड, लेकिन गरीबी की सर्वे सूची में नहीं है नाम, आरटीई में हजारों के फार्म रिजेक्ट




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रायपुर

स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत एक से 30 मार्च तक ऑनलाइन आवेदन मंगाए हैं। रायपुर में अब 4500 आवेदन हो चुके हैं। इनमें हजारों ऐसे पालकों के आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं, जिनके पास बीपीएल कार्ड है, लेकिन गरीबी रेखा की सूची में नाम नहीं है। पालक आवेदन ही नहीं कर पा रहे हैं। दरअसल उनसे गरीबी सूची के सर्वे 2002 और 2007 के तहत नाम मांगा जा रहा है। आरटीई में पात्रता के तौर पर बीपीएल कार्ड को मांगा जा रहा है। इनमें कई पालक ऐसे भी पहुंच रहे हैं, जिनके पास बीपीएल कार्ड तो है, लेकिन बीपीएल सूची में नाम नहीं है। लिहाजा नोडल अधिकारी उनके आवेदन लौटा रहे हैं। बीपीएल सूची में नाम नहीं होने से पालकों को आरटीई में दाखिला कराने के लिए भटकना पड़ रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर खाद्य विभाग ने ऐसे कार्ड कैसे जारी कर दिया है, जिनका नाम सूची में नहीं है या फिर जो नए गरीब हैं, उनका नाम यदि सूची में नहीं है तो वे फिर कैसे आवेदन कर पाएंगे? साल 2007 के बाद गरीबी सूची में नए लोगों के नाम भी नहीं जोड़े गए हैं। बता दें कि एक से सात अप्रैल तक आवेदनों का परीक्षण किया जाएगा। 25 अप्रैल तक लॉटरी की पहली सूची जारी होगी। पांच मई के बाद यदि कोई सीट रिक्त होगी तो उसे अनारक्षित कोटे के तहत भरा जाएगा।

पचपेड़ी नाका की रहने वाली ममता ने बताया कि उनके पास बीपीएल कार्ड है । साल 2011 की आर्थिक एवं सामाजिक जनगणना सूची में नाम भी है, लेकिन उन्हें नोडल अधिकारी लौटा रहे हैं। इसी तरह टिकरापारा की सरोज ने भी शिकायत की है। बता दें कि प्रदेश में सबसे अधिक आवेदन अभी तक रायपुर में ही आए हैं। राज्य के 6 हजार 428 निजी स्कूलों में सिर्फ 732 स्कूलों में पहली कक्षा में दाखिले के लिए एंट्री कक्षाएं हैं। बाकी सभी सीटें नर्सरी या केजी वन के लिए हैं। नसरी के लिए उम्र सीमा तीन से चार साल रखा गया है। आरटीई के तहत सरकार बच्चों का दाखिला निजी स्कूलों के 25 प्रतिशत सीटों पर कराकर उनके शिक्षण का स्वयं शुल्क देती है। इसके अलावा यूनिफार्म के लिए 400 रुपये और किताबों के लिए 250 रुपये देने का प्रावधान है।

ये उम्र है निर्धारित

आरटीई के तहत नर्सरी, केजी वन और पहली में दाखिला कराने के लिए बच्चे की उम्र तीन से छह साल निर्धारित की गई है। इनमें नर्सरी के लिए तीन से चार साल निर्धारित किया गया है। निजी स्कूलों में दाखिले के लिए वे बच्चे पात्र होंगे, जिनके पालक बीपीएल कार्डधारी, एससी, एससटी, मानसिक या शारीरिक दिव्यांग, एचआइवी पीड़ित, अनाथ व अन्य वंचित हैं। राज्य में 46 लाख बीपीएल कार्डधारी परिवार हैं। 40 प्रतिशत मानसिक दिव्यांगों को सरकारी या निजी अस्पताल से जारी प्रमाण पत्र देना पड़ेगा।

केंद्रीय विद्यालयों के लिए आवेदन 19 तक

राजधानी समेत प्रदेश के सभी केंद्रीय विद्यालयों में सत्र 2019-20 के लिए पहली कक्षा में दाखिले की प्रक्रिया एक मार्च से शुरू हो गई है। यह प्रक्रिया 19 मार्च तक चलेगी। आवेदन ऑनलाइन भरे जा रहे हैं। केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले के लिए सैकड़ों आवेदन पहले ही दिन आ चुके हैं। पहली कक्षा के लिए पहली सूची 26 मार्च को आएगी। इसके बाद दूसरी सूची नौ अप्रैल को आएगी। यदि सीट बचती है तो अंतिम सूची 23 अप्रैल को आएगी।

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