छत्तीसगढ़ में रिटायर्ड और इस्तीफा देकर राजनीति में आने वाले सरकारी अफसरों का पिछले विधानसभा चुनाव में तांता लगा हुआ था. लेकिन लोकसभा चुनाव आते-आते ऐसे अफसरों का राजनीति से मोहभंग होता दिख रहा है. इस बार सूबे में न ही भाजपा और न ही कांग्रेस पार्टी में अफसर शामिल हो रहे हैं. विधानसभा चुनाव के तीन महीने के अंदर ही अफसरो का राजनीतिक दलों में शामिल होने का भूत उतर सा गया है.
विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल 24 पूर्व अधिकारियों ने लोकसभा चुनाव से पहले इस्तीफा देकर पार्टी छोड़ दी. कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए कुछ रिटायर्ड अफसर अब भी कांग्रेस में बरकार हैं, लेकिन राजनीतिक सक्रियता कुछ खास नजर नहीं आ रही है. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कई रिटायर्ड अफसरों को पार्टी ने विधानसभा चुनाव में मौका दिया और वो विधायक भी बन गए.
इन अफसरों में रिटायर्ड आईएएस शिशुपाल सोरी कांकेर और अनूप नाग अंतागढ़ से कांग्रेस विधायक हैं. हालांकि कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी का कहना है कि कांग्रेस में शामिल पूर्व अधिकारियों की सक्रियता बरकार है और वे लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए काम कर रहे हैं. दरअसल भाजपा में पिछले साल 2018 में 24 से अधिक प्रशासनिक अफसरों और समाजसेवियों ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के सामने भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन सूबे में कांग्रेस की सत्ता आने के बाद ढाई महीने में ही सभी प्रशासनिक अफसरों ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है. अभी केवल पूर्व आईएएस ओपी चौधरी ही भाजपा में बचे हैं.
दरअसल विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में पूर्व अधिकारियों का राजनीति में प्रवेश तेजी से हुआ था. लेकिन लोकसभा में कोई भी पूर्व अधिकारी किसी भी पार्टी के साथ नहीं आना चाहता है. शायद उन्हें अंदाजा हो चुका हैं कि केन्द्र सरकार चाहे जिसकी बने उन्हें राजनीतिक लाभ नहीं मिलने वाला है.