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‘परदादा’ नेहरू की सीट से लड़ेंगी चुनाव, संजय गांधी की बेटी होने का दावा कर चुकी हैं प्रिया सिंह




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​शिवपाल सिंह यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के टिकट पर फूलपुर से चुनाव लड़ने जा रहीं प्रिया सिंह एक जानी मानी शख्सियत होने के साथ पूरे देश को एक दावे से हिला देने वाली महिला हैं। प्रिया ने दो साल पहले उस वक्त सुर्खियां बटोरी थीं जब इन्होंने खुद को संजय गांधी की बायोलॉजिकल बेटी होने का दावा किया था। खुद को इंदिरा गांधी की पोती व संजय गांधी की बेटी होने का दावा करने वाली प्रिया सिंह का फेसबुक पेज तो हाल फिलहाल ऐसे ही दावों से भरा पड़ा है, जिसमें पुरानी फोटो से लेकर उनके विचार और दावे हर तरफ छाये हुये हैं। हालांकि, उनके डीएनए टेस्ट का मामला अभी भी उलझा हुआ है। प्रिया सिंह ने डीएनए टेस्ट का मामला जान बूझकर दबाये रखने का भी आरोप लगाया है।

फिलहाल, प्रिया ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुये लिखा है कि वह पंडित जवाहर लाल नेहरू के क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगी और फूलपुर को प्रगति को ओर बढ़ाने के लिए हाजिर हो रही हैं। वहीं, प्रिया ने अपने फेसबुक पोस्ट में दावा किया है कि जान बूझकर उनका केस कोर्ट में लटका हुआ है और पिछले दिनों उन्हे जान से मारने की कोशिश भी की गई थी। अपने फेसबुक पेज पर सैकड़ों की संख्या में प्रिया ने तस्वीरें पोस्ट की हैं, जिसमें वह खुद को संजय गांधी व इंदिरा गांधी से कंपेयर करती हुई व अपने रिश्ते जोड़ते हुये नजर आती है। फिलहाल, अप्रत्यक्ष रूप से ही सही नेहरू गांधी के किसी सदस्य का वर्षों से इंतजार कर रहे फूलपुर क्षेत्र को प्रिया के रूप में इंतजार खत्म करने का समय आ गया है। 12 अप्रैल को प्रिया फूलपुर पहुंचेंगी और चुनावी शंखनाद करेंगी।

संजय के नाम को करेंगी आगे

प्रिया के लिए यह चुनाव बेहद ही अहम होने वाला है और सिर्फ प्रिया के लिये ही नहीं बल्कि शिवपाल की पार्टी के लिए भी फूलपुर का चुनाव अहम होगा। दोनों जीत के लिये ना सही अपने नाम के लिऐ लड़ रहे हैं। प्रिया इस चुनाव में संजय गांधी का नाम जरूर आगे करेंगी और खुद को संजय की बेटी व इंदिरा की पोती के तौर पर जनता के सामने पेश करेंगी। इसका प्रभाव भी होगा और संवेदनात्मक तौर पर लोगों से प्रिया जुड़ेंगी भी। नेहरू गांधी परिवार से लोगों का मानसिक जुड़ाव हमेशा से रहा है, ऐसे में प्रिया खुद को इस जुड़ाव से किस तरह बांधे रखेंगी यह देखना दिलचस्प होगा।

कांग्रेस के लिए मुश्किल

अभी तक शिवपाल यादव की वजह से सपा को नुकसान होने का अनुमान था, लेकिन प्रिया अगर अपने प्रचार प्रसार को जन-जन तक पहुंचा सकीं तो वह कांग्रेस के वोट बैंक में पूरी तरह से सेंध लगाएंगी। भले ही उनकी सियासी स्थिति अभी नहीं है, लेकिन खुद को मजबूती से पेश कर वह चुनाव को दिलचस्प बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगी। चूंकि टीवी चैनल पर बोलने और बुलवाने का अभ्यास प्रिया को खूब है, पत्रकारिता का असर और तल्खी उनके व्यवहार है और जिस तरह से बेबाकी से उन्होंने अपने दावे केलिए मीडिया में बयान दिया था। ऐसा ही बयान और व्यवहार उन्हें फिर से लोकप्रिय बनाकर दूसरे सियासी दलों के बीच खलबली जरूर मचाएगा।

इस तरह मिलेंगे वोट

सपा से नाराज वोटिंग का फायदा भाजपा या बसपा को मिलता रहा है, लेकिन शिवपाल यादव के अलग से मैदान में आने के बाद यह वोट शिवपाल को ही मिलेंगे। जबकि शिवपाल गुट के वोट पहले से ही उनके पक्ष में हैं। यादव बिरादरी का अब एक तरफा वोट सपा नहीं पायेगी इसका फायदा शिवपाल को तो होगा, लेकिन सियासी फायदा भाजपा उठायेगी। वहीं कांग्रेस के पारंपरिक वोट में प्रिया सेंध लगायेंगी और लोगों की संवेदनाओं का फायदा उठाकर अपना वोट बैंक मजबूत करेंगी। प्रिया के पास बोलने के लिये खुद पर ही इतने मुद्दे हैं कि वह भाजपा को आसानी से घेर कर सीधा हमला कर सकेगी और सवर्ण मतदाताओं का कुछ परसेंट वोट खीचने का प्रयास करेंगी। चूंकि प्रसपा की स्थानीय कमेटी भी काफी दमादारी के साथ प्रयागराज में अपना विस्तार कर चुकी है। ऐसे में कोई भी ना तो प्रसपा को हवा में लेगा और ना ही प्रिया को।

स्टार के तौर पर पेश हो रही प्रिया

फिलहाल सोशल मीडिया पर प्रसपा प्रिया सिंह पॉल को एक स्टार के तौर पर पेश कर रही है। जिन्हे लाइम लाइट में लाने के लिऐ संजय गांधी के नाम का बखूबी इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रिया के प्रत्याशी घोषित होने के बाद अब तक प्रसपा के हर बडे नेता की सोशल मीडिया वाल पर प्रिया सिंह की तस्वीर वायरल हो चुकी है। बडी संख्या में सेल्फी का दौर भी शुरू हो चुका है। खुद शिवपाल के साथ वाली प्रिया की तस्वीर कार्यकर्ताओं की पहली पंसद बनी हुई है। वहीं, अब प्रयागराज की ईकाई प्रिया के स्वागत की तैयारी में जुटी है। संभावना है कि एक दो दिन मे ही प्रिया के रोड शो की तैयारी भी शुरू कर दी जाये।

प्रिया सिंह का परिचय

प्रिया सिंह मूल रूप से पंजाब के लुधियाना की रहने वाली हैं। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के महिला मोर्चा की महासचिव हैं। प्रिया सिंह ने जामिया मीलिया इस्लामिया कॉलेज से मॉस कम्यूनिकेशन की डिग्री हासिल करने के बाद कई चैनलों में काम किया। साथ ही भारत सरकार में एडिशनल डायरेक्टर के पद पर भी कार्य कर चुकी हैं। प्रिया सिंह पाल खुद को इंदिरा गांधी की पोती बताने का दावा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर चुकी हैं और डीएनए टेस्ट के लिए कोर्ट में उनकी अपील अधर में लटकी हुई है। वहीं, दो साल पहले जब मधुर भंडारकर की फिल्म ‘इंदू सरकार’आई, उस दौरान प्रिया मीडिया के सामने आईं और फिल्म के बहाने उन्होंने खुद को संजय गांधी की बेटी होने का दावा किया।

कोर्ट में हलफनामा देकर मामले को दिया तूल

प्रेस कांफ्रेस में प्रिया ने कहा था कि फिल्म के जरिए उनकी कथित दादी इंदिरा गांधी की छवि को नुकसान पहुंचाने की साजिश की जा रही है। प्रिया ने कहा था कि फिल्म में एक गलत बयान की वजह से वो अपनी चुप्पी तोड़ रही हैं। वहीं, प्रिया के मामले में संजय गांधी के दोस्त होने का दावा करने वाले गोस्वामी सुशीलजी महाराज ने अदालत में एक हलफनामा देकर मामले को तूल पकड़ा दिया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि संजय की शादी से पहले वह एक बच्ची के पिता बन गए थे। प्रिया ने दावा किया था कि संजय गांधी ने 21 वर्ष की आयु में उनकी मां से मंदिर में विवाह किया था और उनका जन्म 12 दिसंबर 1968 को हुआ। उसका नाम प्रियदर्शनी रखा गया, लेकिन राजनीतिक कारणों से उसे बलदेव सिंह पाल व उनकी पत्नी शीला सिंह पाल को देखभाल के लिए सौंप दिया गया। बाद में वर्ष 1974 में विधिवत रूप से उक्त दंपति ने गोद ले लिया व उन्हें जबरन मुंबई भेज दिया गया। वहीं, प्रिया का चेहरा, नैन-नक्श, चलने का स्टाइल आदि भी संजय गांधी व उनके परिवार से मिलने का दावा भी प्रिया के नजदीकी करते रहे हैं। फिलहाल, सोशल मीडिया पर एक बार फिर से प्रिया छा गई हैं और उनके दावों के सापेक्ष जमकर साक्ष्य और कटाक्ष का दौर चल रहा है।